क्या पीएम मोदी के दौरे पर रोहित पवार ने किसानों के लिए राहत की घोषणा की कमी महसूस की?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी का दौरा सियासी हलचल का कारण बना।
- रोहित पवार ने किसानों के लिए राहत की अनदेखी पर सवाल उठाए।
- बिहार चुनाव में स्थानीय मुद्दों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
- मायावती की पार्टी की स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई।
- राज्यपाल के राजनीतिक बयानों की आलोचना हुई।
मुंबई, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाराष्ट्र दौरे के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत है, लेकिन यदि उन्होंने बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए कोई राहत की घोषणा की होती, तो यह बेहतर होता।
रोहित पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री का भाषण जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा और इसमें ठोस घोषणाओं की बजाय राजनीतिक आरोपों की भरमार थी।
एनसीपी (एसपी) नेता ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री मुंबई आए, हम उनका स्वागत करते हैं क्योंकि वे देश के प्रधानमंत्री हैं। हम उम्मीद कर रहे थे कि वे महाराष्ट्र को भविष्य में क्या देंगे, इस पर बात करेंगे। उदाहरण के लिए, केंद्र ने गुजरात को आईएफसी केंद्र दिया, अगर वे कहते कि महाराष्ट्र को भी एक आईएफसी केंद्र मिलेगा, तो हम इसका स्वागत करते।”
उन्होंने किसानों की स्थिति पर भी टिप्पणी की और कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने उनके लिए 10 से 15 हजार रुपए की सहायता की घोषणा की होती, तो हम उसका भी स्वागत करते, लेकिन हमें यह कहना पड़ेगा कि यह सरकार नायक नहीं, खलनायक है।”
रोहित पवार ने प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने 26/11 हमले के संदर्भ में कांग्रेस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में डोनाल्ड ट्रंप के प्रति गुस्सा है। वह कांग्रेस के खिलाफ बयान देकर उसी गुस्से को निकाल रहे हैं।”
बिहार चुनाव पर पवार ने कहा कि वहां चुनाव स्थानीय मुद्दों पर होते हैं और अगर कोई आंदोलन शुरू होता है, तो वह देशभर में फैल सकता है, लेकिन बीजेपी को चुनाव में लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र और महाराष्ट्र सरकार कुछ भी कर सकती है।”
उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के हालिया बयानों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “राज्यपाल को राजनीति नहीं करनी चाहिए, लेकिन वे खुद राजनीति कर रहे हैं। जब पश्चिम बंगाल में चुनाव आएगा, तब बीजेपी उन्हें छुट्टी देकर माला पहनाकर प्रचार में उतार देगी।”
बसपा प्रमुख मायावती के उत्तर प्रदेश सरकार की तारीफ के बयान पर पवार ने कहा, “मायावती बहुत बड़ी नेता रह चुकी हैं, लेकिन अब उनकी पार्टी कमजोर हो गई है। इसके पीछे कई कारण हैं। ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियां अब बीजेपी के समर्थन में काम कर रही हैं। अगर मायावती बीजेपी के समर्थन में नहीं जातीं, तो एजेंसियां सक्रिय हो जाती हैं।”
उन्होंने कहा, “मायावती का बयान अखिलेश यादव के खिलाफ नहीं है, बल्कि वह यह बताना चाहती हैं कि बीजेपी उन्हें दबा रही है। एजेंसियों का इस्तेमाल करके उनकी आवाज दबाई जा रही है। मजबूरन उन्हें विचार बदलकर बीजेपी के साथ जाना पड़ रहा है। जिस स्तर की नेता मायावती थीं, आज बीजेपी ने उन्हें बहुत छोटा कर दिया है।”