क्या पीएम मोदी ने जॉर्जिया मेलोनी के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की?
सारांश
Key Takeaways
- भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया जा रहा है।
- आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त पहल की घोषणा।
- व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग पर जोर।
- जोहान्सबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन का महत्व।
जोहान्सबर्ग, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'जी20 लीडर्स समिट' में भाग लिया। समिट के दौरान, पीएम मोदी ने कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ महत्वपूर्ण मुलाकातें की।
इस श्रृंखला में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से बातचीत की। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मुलाकात की जानकारी साझा की। उन्होंने उल्लेख किया कि जॉर्जिया मेलोनी के साथ उनकी बैठक बहुत सकारात्मक रही। भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है, जिससे दोनों देशों के नागरिकों को कई लाभ मिल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि भारत और इटली ने आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ एक संयुक्त पहल की घोषणा की है। यह एक आवश्यक और समयानुकूल कदम है जो आतंकवाद और उसके समर्थक नेटवर्क के खिलाफ मानवता की लड़ाई को मजबूत करेगा।
हमने व्यापार, निवेश, रक्षा, नवाचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अंतरिक्ष और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में अपने सहयोग को और आगे बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
इससे पहले, पीएम मोदी ने नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने जल संसाधन, नवाचार और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा कि जोहान्सबर्ग में 'जी-20 शिखर सम्मेलन' के दौरान नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ से मुलाकात हुई। जल संसाधन, नवाचार, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्रों में हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी तेजी से बढ़ रही है। हम भविष्य में व्यापार और निवेश संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए प्रयासरत रहेंगे।
ज्ञात हो कि जोहान्सबर्ग में पीएम मोदी ने जी20 समिट में भाग लिया। उन्होंने रविवार को अपनी यात्रा के तीसरे दिन जी20 समिट के तीसरे सत्र को संबोधित किया।
इस अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर दिया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता को वैश्विक भलाई में तब्दील करना आवश्यक है। उन्होंने पारदर्शिता, मानवीय निगरानी, डिज़ाइन द्वारा सुरक्षा और दुरुपयोग की रोकथाम के सिद्धांतों पर आधारित एक वैश्विक समझौते का आह्वान किया।
जी20 शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता को मानवीय क्षमताओं का विस्तार करना चाहिए, लेकिन अंतिम निर्णय हमेशा लोगों द्वारा ही लिया जाना चाहिए।