क्या पीएम मोदी ने जुबीन गर्ग को श्रद्धाजंलि दी? वह हमेशा हमारी यादों में रहेंगे

Click to start listening
क्या पीएम मोदी ने जुबीन गर्ग को श्रद्धाजंलि दी? वह हमेशा हमारी यादों में रहेंगे

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुबीन गर्ग को श्रद्धाजंलि देते हुए उनकी संगीत यात्रा और असम की संस्कृति से गहरे संबंधों का जिक्र किया। यह श्रद्धांजलि उनके असामयिक निधन के बाद देशवासियों की भावनाओं को दर्शाती है। जुबीन गर्ग का संगीत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।

Key Takeaways

  • जुबीन गर्ग का असम की संस्कृति के प्रति गहरा लगाव था।
  • पीएम मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
  • उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
  • लता मंगेशकर को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
  • भारतीय संगीत में जुबीन गर्ग का योगदान अद्वितीय है।

नई दिल्ली, २८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग को याद करते हुए श्रद्धाजंलि अर्पित की। पीएम मोदी ने कहा कि जुबीन गर्ग का असम की संस्कृति से गहरा लगाव था। वह सदैव हमारी यादों में जीवित रहेंगे।

सिंगापुर में गायक जुबीन गर्ग का एक हादसे में निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को असम लाया गया, जहाँ उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि असम आज जहाँ भूपेन हजारिका जी की जन्म-शताब्दी मना रहा है, वहीं कुछ दिन पहले एक दुखद घटना घटी है। जुबीन गर्ग जी के असामयिक निधन से लोग गहरे शोक में हैं। जुबीन गर्ग एक प्रसिद्ध गायक थे, जिन्होंने पूरे देश में अपनी पहचान बनाई। असम की संस्कृति के प्रति उनका गहरा लगाव था। जुबीन गर्ग हमारी यादों में हमेशा जिंदा रहेंगे और उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा।

इसके अलावा, पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में स्वर कोकिला लता मंगेशकर को भी याद किया। उन्होंने कहा, ''लता मंगेशकर की भी जयंती है। भारतीय संस्कृति और संगीत में रुचि रखने वाला कोई भी उनके गीतों को सुनकर अभिभूत हुए बिना नहीं रह सकता। उनके गीतों में वह सबकुछ है जो मानवीय संवेदनाओं को झकझोरता है। उनके देशभक्ति के गीतों ने लोगों को प्रेरित किया। भारत की संस्कृति से भी उनका गहरा जुड़ाव था। मैं लता दीदी के लिए हृदय से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। लता दीदी जिन महान विभूतियों से प्रेरित थीं, उनमें वीर सावरकर भी एक हैं, जिन्हें वह 'तात्या' कहती थीं। उन्होंने वीर सावरकर जी के कई गीतों को भी अपने सुरों में पिरोया।''

पीएम मोदी ने आगे कहा कि लता दीदी से मेरा स्नेह का जो बंधन था, वह हमेशा कायम रहा। वह मुझे बिना भूले हर साल राखी भेजा करती थीं। मुझे याद है कि मराठी सुगम संगीत की महान हस्ती सुधीर फड़के जी ने सबसे पहले लता दीदी से मेरा परिचय कराया था और मैंने लता दीदी से कहा कि मुझे आपके द्वारा गाया और सुधीर जी द्वारा संगीतबद्ध गीत ‘ज्योति कलश छलके’ बहुत पसंद है।

Point of View

यह कहना उचित है कि जुबीन गर्ग का निधन केवल एक व्यक्तिगत नुकसान नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी एक बड़ा घाटा है। उनकी संगीत यात्रा ने न केवल असम बल्कि पूरे देश में एक विशेष स्थान बनाया। हम सभी को उनकी यादों को संजोकर रखना चाहिए।
NationPress
28/09/2025

Frequently Asked Questions

जुबीन गर्ग का असम की संस्कृति से क्या संबंध था?
जुबीन गर्ग का असम की संस्कृति के प्रति गहरा लगाव था, जिससे उन्होंने अपने संगीत में असम की लोक धुनों को शामिल किया।
पीएम मोदी ने जुबीन गर्ग के बारे में क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि जुबीन गर्ग हमेशा हमारी यादों में रहेंगे और उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
लता मंगेशकर को पीएम मोदी ने किस प्रकार याद किया?
पीएम मोदी ने लता मंगेशकर के गीतों की महत्ता को बताया और उन्हें भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया।