क्या 'मन की बात' में पीएम मोदी ने मणिपुर के मोइरंगथेम सेठ का जिक्र किया?
सारांश
Key Takeaways
- मोइरंगथेम सेठ का सोलर पावर पहल से मणिपुर में बिजली की समस्याओं का समाधान हुआ।
- पीएम मोदी ने इस पहल की सराहना की, जो स्थानीय समस्याओं का समाधान करती है।
- युवाओं को प्रेरणा देने वाली यह कहानी हमें दिखाती है कि छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं।
- पीएम सूर्य घर योजना का उद्देश्य हर घर में साफ ऊर्जा पहुँचाना है।
- सरल विचार और सामुदायिक दृष्टिकोण से बड़े बदलाव संभव हैं।
इंफाल, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में मणिपुर के युवा आंत्रप्रेन्योर मोइरंगथेम सेठ के प्रयासों का उल्लेख किया, जिन्होंने राज्य के सैकड़ों घरों में सोलर पावर पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री ने सेठ के काम का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पहल दिखाती है कि कैसे स्थानीय समाधान दूर-दराज के क्षेत्रों में बिजली की कमी जैसी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा, “एक पुरानी कहावत है, जहाँ चाह वहाँ राह। मणिपुर के इस युवा ने अपने कार्यों के माध्यम से यह सिद्ध किया है।”
उन्होंने कहा कि मणिपुर के कुछ हिस्सों में लगातार बिजली की कमी बनी रहती है, और सेठ ने नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लिए क्षेत्र के अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए सोलर ऊर्जा को एक उपयुक्त विकल्प के रूप में पहचाना। प्रधानमंत्री के अनुसार, इस पहल ने सोलर पैनल स्थापित करके सैकड़ों घरों में बिजली पहुंचाने में मदद की है।
'मन की बात' कार्यक्रम के बाद, युवा मोइरंगथेम सेठ ने एक इंटरव्यू में कई सवालों के जवाब दिए हैं।
सवाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में ऐसे लोगों का उल्लेख किया जो जमीनी बदलाव ला रहे हैं। क्या इससे यह स्पष्ट होता है कि उनकी सरकार असली विकास की कहानियाँ ला रही है?
जवाब: हां, यह अपने आप में एक सकारात्मक संकेत है। प्रधानमंत्री द्वारा हमारे काम का उल्लेख होना दर्शाता है कि हम देश के विकास की सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
सवाल: प्रधानमंत्री ने आपके सोलर ऊर्जा मॉडल की सराहना की। आपको कैसा अनुभव हुआ?
जवाब: मुझे बहुत खुशी हुई। यह दर्शाता है कि एक सरल विचार भी लोगों की जिंदगी पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। प्रधानमंत्री द्वारा पहचान मिलने से यह उम्मीद जगती है कि छोटी-छोटी कोशिशें लाखों लोगों तक पहुँच सकती हैं और सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।
सवाल: क्या आपकी सोलर ऊर्जा पहल पीएम सूर्य घर योजना जैसी योजनाओं के दृष्टिकोण को मजबूत करती है ताकि हर घर तक साफ ऊर्जा पहुँच सके?
जवाब: हां, हमारा समाधान ऑफ-ग्रिड है और यह दूर-दराज के क्षेत्रों और हेल्थकेयर सेंटर्स पर ध्यान केंद्रित करता है, जहां बिजली की स्थिति सही नहीं है। पीएम सूर्य घर मुख्यतः मौजूदा ग्रिड कनेक्शन वाले ग्रामीण घरों को ध्यान में रखता है। दोनों तरीके एक-दूसरे को पूरा करते हैं और एक ही दृष्टिकोण की ओर बढ़ते हैं: हर घर और समुदाय के लिए बिजली।
सवाल: पीएम सूर्य घर योजना के द्वारा आम लोगों की जिंदगी पर क्या असर पड़ रहा है, आपने क्या बदलाव देखे हैं?
जवाब: हमारी पहल और पीएम सूर्य घर दोनों ही समुदाय की मदद कर रहे हैं। दूर-दराज के क्षेत्रों के लोग हमारे ऑफ-ग्रिड समाधान से लाभान्वित हो रहे हैं, जबकि गाँव के घरों को पीएम सूर्य घर से। इन प्रयासों ने बिजली की पहुँच को बेहतर बनाया है और रोजी-रोटी में वृद्धि की है।
सवाल: 'मन की बात' में प्रधानमंत्री द्वारा जिक्र किए जाने पर, क्या आपको लगता है कि यह युवाओं को इनवोवेशन, आत्मनिर्भरता और 'विकसित भारत' के दृष्टिकोण के लिए प्रेरित करता है?
जवाब: बिल्कुल। प्रधानमंत्री द्वारा पहचाना जाना और जिक्र होना प्रेरणादायक है। यह दिखाता है कि एक विनम्र दृष्टिकोण और समुदाय की भलाई पर ध्यान केंद्रित करने से, सरल विचार भी हजारों लोगों तक पहुँच सकते हैं और देश भर के युवाओं को प्रेरित कर सकते हैं।
सवाल: आपके अनुभव के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी की योजनाएं जमीन पर कितनी प्रभावी हैं, और आम नागरिकों के लिए कितनी लाभकारी हैं?
जवाब: प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि स्थानीय स्तर पर समाधान को कैसे लागू किया जाता है। मेरे अवलोकन के अनुसार, पीएम सूर्य घर जैसी पहल देश के कई हिस्सों में अच्छी तरह से काम कर रही हैं, जिसमें मणिपुर भी शामिल है। लोगों को साफ लाभ मिल रहे हैं, और ये कार्यक्रम धीरे-धीरे बिजली और सेवाओं तक पहुँच को बेहतर बना रहे हैं।