क्या पीएम मोदी ने सम्राट पेरुंबिडुगु मुथारैयार द्वितीय के सम्मान में डाक टिकट जारी होने पर खुशी जताई?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को प्रेरित किया है।
- उपराष्ट्रपति ने तमिल संस्कृति के समर्थन की प्रशंसा की।
- सम्राट पेरुंबिडुगु मुथारैयार द्वितीय का योगदान महत्वपूर्ण है।
- यह डाक टिकट गुमनाम नायकों को पहचानने का एक प्रयास है।
- भारत के सांस्कृतिक गौरव को पुनर्जीवित करने का प्रयास।
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति एन्क्लेव, नई दिल्ली में सम्राट पेरुंबिडुगु मुथारैयार द्वितीय (सुवरन मारन) के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर खुशी जताई और युवाओं से उन्होंने एक अपील भी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सम्राट पेरुंबिडुगु मुथारैयार द्वितीय (सुवरन मारन) एक शांतिपूर्ण प्रशासक थे, जिनमें अद्भुत दृष्टि, दूरदर्शिता और रणनीतिक समझ थी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि इस बात की खुशी है कि उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सम्राट पेरुंबिडुगु मुथारैयार द्वितीय (सुवरन मारन) के सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया। वह एक महान प्रशासक थे, जिनमें जबरदस्त दृष्टि, दूर की सोच और रणनीतिक समझ थी। वह न्याय के प्रति अपने प्रतिबद्धता के लिए मशहूर थे और तमिल संस्कृति के भी एक महान संरक्षक थे। मैं और युवाओं से उनकी असाधारण जिंदगी के बारे में पढ़ने की अपील करता हूं।
उपराष्ट्रपति ने सम्राट पेरुंबिडुगु मुथारैयार द्वितीय के सम्मान में डाक टिकट जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में तमिल संस्कृति और भाषा के निरंतर समर्थन के लिए सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने काशी तमिल संगम जैसी पहलों और तमिल राजाओं, नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को पहचानने और सम्मानित करने के प्रयासों की सराहना की, जिन्हें पहले उचित मान्यता नहीं मिली थी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सम्राट पेरुंबिडुगु मुथारैयार पर स्मारक डाक टिकट जारी करना मान्यता की इस चल रही प्रक्रिया का एक हिस्सा था। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत विकसित भारत की ओर बढ़ रहा है, राष्ट्र के सांस्कृतिक गौरव को पुनर्जीवित करने के लिए गुमनाम नायकों को पहचान देना आवश्यक है।
इस अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, डिप्टी चेयरमैन, राज्यसभा हरिवंश और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय मामलों के राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन भी उपस्थित थे।