क्या पीएम ऑफिस ने सिंधिया का लेख साझा किया, हॉर्नबिल महोत्सव पूर्वोत्तर के आत्मविश्वास का उत्सव है?

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क्या पीएम ऑफिस ने सिंधिया का लेख साझा किया, हॉर्नबिल महोत्सव पूर्वोत्तर के आत्मविश्वास का उत्सव है?

सारांश

नगालैंड का हॉर्नबिल महोत्सव भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण प्रतीक है। पीएम मोदी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के विचारों से समझें कि यह महोत्सव न केवल उत्सव है, बल्कि पूर्वोत्तर की पहचान और आत्मविश्वास का संकेत भी है।

Key Takeaways

  • हॉर्नबिल महोत्सव नगालैंड की सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है।
  • पीएम मोदी ने इसे भारत की जनजातीय विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
  • पूर्वोत्तर भारत का महत्व राष्ट्रीय विमर्श में बढ़ रहा है।
  • सिंधिया ने इसे पहचान से जुड़े विकास का उदाहरण कहा।
  • यह महोत्सव नगा जनजातियों की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नगालैंड के हॉर्नबिल महोत्सव की जीवंतता की प्रशंसा की और इसे भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और इसकी जनजातीय विरासत की स्थायी जीवंतता का एक सशक्त प्रतीक बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह राज्य सिर्फ एक महोत्सव की मेज़बानी नहीं करता, बल्कि यह स्वयं में एक उत्सव का प्रतीक है, जो वास्तव में 'त्योहारों की भूमि' के अपने गौरवशाली नाम को सही साबित करता है।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने एक्स अकाउंट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह लेख साझा किया। इसमें कहा गया है, "इस दिल को छू लेने वाले लेख में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नगालैंड के हॉर्नबिल महोत्सव को मानवता की भावना के विविध रंगों और प्राचीन एवं आधुनिकता के अद्भुत समन्वय के रूप में चित्रित किया है। उन्होंने यह सत्य दोहराया है कि जब पूर्वोत्तर चमकेगा, तभी हमारा देश आगे बढ़ेगा।"

इस लेख में नगालैंड के प्रसिद्ध हॉर्नबिल महोत्सव पर प्रकाश डाला गया है। इसे भारत की सांस्कृतिक आत्मा की एक जीवंत अभिव्यक्ति और राष्ट्रीय विमर्श में पूर्वोत्तर के बढ़ते महत्व के रूप में बताया गया है।

पीएमओ ने कहा कि पूर्वोत्तर एक नए और आत्मविश्वासी भारत का चेहरा है। नगालैंड केवल त्योहार नहीं मनाता, बल्कि स्वयं उत्सव का प्रतीक है। इसी कारण इसे 'त्योहारों की भूमि' कहा जाता है।

सिंधिया ने लेख में लिखा कि पीएम मोदी के दृष्टिकोण ने पूर्वोत्तर की विशाल आर्थिक और मानव संसाधनों को उजागर करके इसे भारत की विकास यात्रा में सबसे आगे रखा है।

उन्होंने कहा, "नगालैंड का हॉर्नबिल महोत्सव इस परिवर्तन को एक सांस्कृतिक आवाज प्रदान करता है, यह दर्शाता है कि विकास तब सबसे मजबूत होता है जब वह पहचान से जुड़ा होता है।"

सिंधिया ने कहा कि नगालैंड के प्राकृतिक संसाधनों, आध्यात्मिक विरासत, खेल परंपराओं, कौशल, पर्यावरण पर्यटन, व्यंजनों और सांस्कृतिक जीवंतता की समृद्धि केवल शब्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे हर दिन अनुभव किया जाता है।

उन्होंने लिखा, "यह महोत्सव मानवता की भावना का एक बहुरूपदर्शक है। प्राचीन और समकालीन का एक शानदार संगम। दिन में 17 नगा जनजातियों के पारंपरिक गीतों और नृत्यों से गूंजते थे, जबकि शामें समकालीन सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों से जीवंत हो उठती थीं।"

प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए सिंधिया ने कहा कि पीएम मोदी का 'एक्ट ईस्ट' दृष्टिकोण ने आसियान व्यापार गलियारों में लगभग 10 बिलियन डॉलर का रास्ता खोला है, जिससे नगालैंड इस क्षेत्र की विकास गाथा में एक प्रमुख प्रवेश द्वार बन गया है।

सिंधिया ने कहा कि ऐसे समय में जब दुनियाभर के देश सांस्कृतिक पहचान के महत्व को फिर से समझ रहे हैं, हॉर्नबिल महोत्सव परंपरा में निहित एकता का एक प्रमुख उदाहरण है।

Point of View

बल्कि यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह महोत्सव न सिर्फ स्थानीय समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक विविधता को भी दर्शाता है।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

हॉर्नबिल महोत्सव क्या है?
हॉर्नबिल महोत्सव नगालैंड का एक प्रमुख सांस्कृतिक उत्सव है, जो नगा जनजातियों की सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने हॉर्नबिल महोत्सव के बारे में क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और जनजातीय विरासत का प्रतीक बताया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का इस महोत्सव पर क्या दृष्टिकोण है?
सिंधिया ने इसे मानवता की भावना के रंगों और विकास के साथ जोड़ा है, यह दर्शाते हुए कि पहचान से जुड़ा विकास सबसे प्रभावी होता है।
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