क्या पीएम मोदी ने श्रीनारायण गुरु को नमन करते हुए देश में भेदभाव समाप्त करने की बात कही?

सारांश
Key Takeaways
- श्रीनारायण गुरु का आदर्श मानवता के लिए महत्वपूर्ण है।
- भारत भेदभाव की हर गुंजाइश को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
- ऐतिहासिक बातचीत की शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया।
- प्रधानमंत्री मोदी का शिवगिरी मठ के प्रति समर्पण।
नई दिल्ली, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनारायण गुरु को नमन किया है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में श्रीनारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच ऐतिहासिक बातचीत की शताब्दी समारोह बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा, "मैं श्रीनारायण गुरु को नमन करता हूं और महात्मा गांधी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।"
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, "हम एक ऐतिहासिक घटना को याद कर रहे हैं, जिसने न केवल हमारे स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी, बल्कि एक स्वतंत्र भारत के सपने को भी बल दिया।" उन्होंने आगे कहा, "100 साल पहले श्रीनारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच हुई मुलाकात आज भी प्रेरणादायक है। यह उस समय का एक महत्वपूर्ण क्षण था, और आज भी यह एक स्वतंत्र और विकसित भारत के सपने को ऊर्जा प्रदान करता है।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत की विशेषता है कि जब हम किसी समस्या में फंसे होते हैं, तो कोई महान विभूति समाज को नई दिशा देती है। श्रीनारायण गुरु ऐसे ही महान संत थे।"
उन्होंने कहा, "श्रीनारायण गुरु के आदर्श मानवता के लिए एक बड़ी पूंजी हैं। जो समाज की सेवा के लिए संकल्पित हैं, उनके लिए श्रीनारायण गुरु प्रकाश स्तंभ के समान हैं।" प्रधानमंत्री ने कहा, "उन्होंने भेदभाव रहित समाज की परिकल्पना की थी। मुझे गर्व है कि आज हमारा देश भेदभाव की हर गुंजाइश को समाप्त कर रहा है।"
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि शिवगिरी मठ और संतों के प्रति उनकी समर्पण का जिक्र करते हुए कहा, "मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि शिवगिरी मठ हमेशा मेरे साथ रहा है।"