क्या तीर्थयात्राएं मन की शुद्धि और प्रेम के जरिए भगवान से जुड़ने का माध्यम हैं?: पीएम मोदी

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क्या तीर्थयात्राएं मन की शुद्धि और प्रेम के जरिए भगवान से जुड़ने का माध्यम हैं?: पीएम मोदी

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 123वें एपिसोड में तीर्थयात्राओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे ये यात्राएं न केवल धार्मिक अनुशासन का हिस्सा हैं, बल्कि आपसी प्रेम और सेवा का भी महत्वपूर्ण माध्यम हैं। जानें, पीएम मोदी के इस सम्बोधन में क्या खास बातें रहीं।

Key Takeaways

  1. तीर्थयात्राएं मन की शुद्धि का माध्यम हैं।
  2. सेवा का अवसर प्रदान करती हैं।
  3. कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुभारंभ हुआ है।
  4. अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी।
  5. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा एकता का प्रतीक है।

नई दिल्ली, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 123वें एपिसोड में तीर्थयात्राओं के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ये यात्राएं शरीर के अनुशासन, मन की शुद्धि, आपसी प्रेम और भाईचारे के माध्यम से भगवान से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण साधन हैं।

पीएम मोदी ने कहा, "जब कोई तीर्थयात्रा पर निकलता है, तो सबसे पहले जो भावना मन में आती है, वह है, 'चलो, बुलावा आया है।' यही भावना हमारी धार्मिक यात्राओं की आत्मा है। ये यात्राएं शरीर के अनुशासन, मन की शुद्धि, आपसी प्रेम और भाईचारे का, प्रभु से जुड़ने का माध्यम हैं।"

उन्होंने आगे बताया, "इन यात्राओं का एक अन्य महत्वपूर्ण पक्ष है। ये धार्मिक यात्राएं सेवा के अवसरों का एक महाअनुष्ठान भी होती हैं। जब कोई यात्रा होती है, तो तीर्थयात्रियों की सेवा में अधिक लोग जुटते हैं। जगह-जगह भंडारे और लंगर लगते हैं। लोग प्याऊ लगवाते हैं। सेवा-भाव से ही मेडिकल कैंप और सुविधाओं का प्रबंध किया जाता है। अनेक लोग अपने खर्च पर तीर्थयात्रियों के लिए धर्मशालाओं और रहने की व्यवस्था करते हैं।"

प्रधानमंत्री ने कैलाश मानसरोवर और अमरनाथ यात्रा का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "साथियों, लंबे समय के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा का पुनः शुभारंभ हुआ है। कैलाश मानसरोवर, अर्थात् भगवान शिव का धाम। हर परंपरा में कैलाश को श्रद्धा का केंद्र माना जाता है। 3 जुलाई से पवित्र अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है और सावन का पवित्र महीना भी नजदीक है।"

उन्होंने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "हाल ही में हमने भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा देखी। लाखों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं। ये यात्राएं ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के भाव का प्रतीक हैं। जब हम श्रद्धा और समर्पण से अपनी धार्मिक यात्रा सम्पन्न करते हैं, तो उसका फल भी मिलता है। मैं सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देता हूं और जो सेवा भावना से इन यात्राओं को सफल बनाते हैं, उन्हें भी साधुवाद करता हूं।"

Point of View

बल्कि समाज में सहयोग और सामंजस्य की भावना को भी बढ़ावा देती हैं। धार्मिक स्थलों पर जाने से न केवल मन की शांति मिलती है, बल्कि सेवा का भी अवसर मिलता है। इस दृष्टिकोण से देखना ज़रूरी है कि हम अपने समाज में एकता और भाईचारे को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

तीर्थयात्राओं का महत्व क्या है?
तीर्थयात्राएं शरीर के अनुशासन, मन की शुद्धि और भाईचारे का माध्यम हैं। ये सेवा के अवसर भी प्रदान करती हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा कब शुरू हो रही है?
कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुभारंभ हाल ही में हुआ है।
अमरनाथ यात्रा की तिथि क्या है?
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने जा रही है।
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का महत्व क्या है?
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का प्रतीक है।
तीर्थयात्रा के दौरान सेवा का क्या महत्व है?
तीर्थयात्रा के दौरान सेवा का महत्व इसलिए है क्योंकि यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और सामुदायिक सहयोग को दर्शाती है।