क्या पीएम मोदी के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी से देशभर में गुस्सा बढ़ गया?

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क्या पीएम मोदी के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी से देशभर में गुस्सा बढ़ गया?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी ने देश में गुस्से का माहौल उत्पन्न कर दिया है। विभिन्न नेताओं और मंत्रियों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जानिए किसने क्या कहा और इस मुद्दे पर देशभर का क्या रुख है।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी से देश में गुस्सा है।
  • भाजपा और अन्य नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
  • इस प्रकार की भाषा का प्रयोग राजनीतिक शालीनता का उल्लंघन है।
  • राजनीतिक विमर्श में सम्मान का होना जरूरी है।
  • जनता का रुख इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस) बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में की गई अभद्र टिप्पणी ने देशभर में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। कांग्रेस और राजद के समर्थकों द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयानों पर भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "यदि कोई देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह का बयान दे सकता है, तो यह उस पार्टी की मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने केवल पीएम मोदी का ही नहीं, बल्कि देश के 140 करोड़ नागरिकों का अपमान किया है।"

भाजपा नेता और सांसद लोकेट चटर्जी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "इंडिया गठबंधन की तरफ से आई यह टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री के खिलाफ पहले भी कई बार अपमानजनक बातें कही गईं, लेकिन अब ये लोग उनके बारे में बुरा-भला कह रहे हैं।"

मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, "ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग करना भारत की सभी माताओं का अपमान करने के बराबर है। यह दर्शाता है कि हमारा विपक्ष कितना हताश है। उनकी हताशा अब अभद्र भाषा में बदल गई है।"

बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, "प्रधानमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग और अपमान पूरे बिहार राज्य के लिए शर्म की बात है। दरभंगा में हुई घटना की पूरे देश में निंदा हो रही है।"

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, "यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूरा प्रकरण एक रिहर्सल के तहत किया गया और फिर अपशब्द कहे गए। यह बदजुबानी की पराकाष्ठा है। इससे जनता बेहद नाराज है।"

भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया और उन्हें अपमानित किया गया। विपक्ष की यह अभद्रता उनकी कायरता को दर्शाती है।"

ओडिशा के भाजपा प्रदेश महासचिव जतिन मोहंती ने कहा, "बिहार में जो कुछ कहा गया, वह न केवल प्रधानमंत्री पर निजी हमला है, बल्कि पूरे देश की मातृत्व संस्कृति पर आघात है। पीएम मोदी की मां एक त्याग और संघर्ष की प्रतीक थीं, उनका अपमान हर मां का अपमान है।"

उन्होंने आगे कहा, "पीएम के चेहरे पर जो पीड़ा दिखी, वह पूरे देश ने महसूस की है। पूरा देश प्रधानमंत्री के साथ खड़ा है। यह राजनीति नहीं, मानवीय गरिमा और संवेदना से जुड़ा मामला है।"

गुजरात के वरिष्ठ भाजपा नेता अर्जुन मोढवाडिया ने कहा, "पीएम मोदी के खिलाफ मंच से इस तरह की बात करना बेहद शर्मनाक और हल्की राजनीति का परिणाम है। ऐसे शब्द का प्रयोग करना घोर निंदनीय है।"

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा ने भी इस प्रकरण की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री के खिलाफ कांग्रेस और राजद के मंच से अपशब्द बोलना। इससे बड़ी राजनीतिक गिरावट क्या हो सकती है? 'मां' शब्द अपने आप में एक मंत्र है, उसकी इतनी गरिमा है, जिसे कांग्रेस-राजद समझ ही नहीं सके।"

Point of View

यह कहना उचित है कि राजनीतिक विमर्श में शालीनता और सम्मान का होना अत्यंत आवश्यक है। इस प्रकार के बयानों से न केवल राजनीतिक परिदृश्य प्रभावित होता है, बल्कि समाज में भी नकारात्मकता फैलती है। सभी दलों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके शब्दों का जनता पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

इस टिप्पणी पर भाजपा का क्या रुख है?
भाजपा ने इसे अपमानजनक और देश की मातृत्व संस्कृति पर आघात बताया है।
क्या इस मुद्दे पर अन्य पार्टियों ने भी प्रतिक्रिया दी है?
जी हां, कांग्रेस और राजद के नेताओं ने भी इस पर अपनी राय रखी है।
क्या इस टिप्पणी से राजनीतिक माहौल प्रभावित हुआ है?
हां, विभिन्न नेताओं ने इसे राजनीतिक गिरावट का संकेत बताया है।