क्या सीएम योगी की तारीफ करना विधायक पूजा पाल के लिए महंगा साबित हुआ?

सारांश
समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करना महंगा पड़ गया। अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह कदम पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उठाया गया। इस घटनाक्रम ने सपा के भीतर असंतोष को उजागर किया है।
Key Takeaways
- पूजा पाल की पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासन।
- अखिलेश यादव का पार्टी की एकजुटता बनाए रखने का प्रयास।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों पर प्रशंसा।
- राजनीतिक असंतोष का बढ़ता स्तर।
- महिलाओं को न्याय दिलाने की कोशिश।
लखनऊ, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) की विधायक पूजा पाल का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करना उनके लिए भारी पड़ गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूजा पाल को तुरंत प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह कदम पूजा पाल की पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में संलिप्तता और बार-बार चेतावनी मिलने के बाद उठाया गया है।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूजा पाल के निष्कासन से संबंधित एक आदेश पत्र जारी किया है। इस पत्र में उल्लेख किया गया है कि यूपी विधानसभा की सदस्य पूजा पाल ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में भाग लिया है और चेतावनियों के बावजूद उन्होंने अपनी गतिविधियों को समाप्त नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी को नुकसान हुआ। उनके कार्य को पार्टी विरोधी और गंभीर अनुशासनहीनता के रूप में देखा गया है। पूजा पाल को समाजवादी पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया गया है।
पत्र में आगे कहा गया, "पूजा पाल को समाजवादी पार्टी के सभी अन्य पदों से भी हटा दिया गया है, और अब वह पार्टी के किसी भी कार्यक्रम या बैठक में भाग नहीं लेंगी और न ही उन्हें आमंत्रित किया जाएगा।"
उत्तर प्रदेश विधानसभा में 'विजन डॉक्यूमेंट 2047' पर 24 घंटे चली मैराथन चर्चा के दौरान सपा विधायक पूजा पाल ने कहा, "मैंने अपना पति खोया है, सब जानते हैं कि मेरे पति की हत्या कैसे हुई और किसने की। मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने मुझे न्याय दिलाया और मेरी बात तब सुनी जब किसी ने नहीं सुनी। मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में मुझ जैसी कई महिलाओं को न्याय दिलाया और अपराधियों को दंड दिया। मुख्यमंत्री ने जीरो टॉलरेंस जैसी नीतियां लाकर अतीक अहमद जैसे अपराधियों को मिट्टी में मिलाया है।"
उन्होंने कहा, "पूरा प्रदेश मुख्यमंत्री की ओर विश्वास से देखता है। 'मेरे पति के हत्यारे अतीक अहमद को मुख्यमंत्री ने मिट्टी में मिलाने का काम किया।' मैं उनके इस जीरो टॉलरेंस का समर्थन करती हूं। मैंने तब आवाज उठाई थी, जब मैंने देखा कि कोई भी अतीक अहमद जैसे अपराधियों के खिलाफ लड़ना नहीं चाहता। जब मैं इस लड़ाई से थकने लगी, तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे न्याय दिलाया।"