क्या बिहार की जनता एनडीए के साथ है? प्रशांत किशोर का कोई प्रभाव नहीं: प्रदीप भंडारी

सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर की पार्टी का बिहार में कोई खास प्रभाव नहीं है।
- बिहार की जनता का झुकाव एनडीए की ओर है।
- बिहार में चुनाव 6 और 11 नवंबर को होंगे।
- जन सुराज ने चुनावी मैदान में कदम रखा है।
- भंडारी का बयान बिहार की राजनीतिक स्थिति को दर्शाता है।
पटना, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। भंडारी का कहना है कि बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज का कोई विशेष प्रभाव नहीं है और इसी कारण से वे स्वयं चुनावी मैदान में उतरने से दूर रह रहे हैं।
प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "प्रशांत किशोर को यह भली-भाँति पता है कि उनकी पार्टी का जमीनी स्तर पर कोई प्रभाव नहीं है। यही कारण है कि वे चुनाव लड़ने से इनकार कर रहे हैं।"
भंडारी ने आगे कहा कि जन सुराज, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस तीनों दल बिहार की वर्तमान जमीनी स्थिति से भली-भाँति परिचित हैं। उनके अनुसार, बिहार की जनता का झुकाव स्पष्ट रूप से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर है।
उन्होंने लिखा, "बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ है। राज्य में एनडीए को जनता का संपूर्ण समर्थन मिल रहा है।"
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने कुछ वर्षों पूर्व अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत 'जन सुराज' आंदोलन से की थी और बिहार के विभिन्न जिलों में पदयात्रा करते हुए जनता से संवाद करने का प्रयास किया। हालांकि, अब तक उन्होंने किसी भी चुनाव में स्वयं को उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत करने से परहेज किया है।
बता दें कि बिहार में मुख्यतः राजद, जदयू और भाजपा के बीच चुनावी मुकाबला देखने को मिलता है, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में नई पार्टी जन सुराज भी शामिल हो गई है और यह बिहार की 243 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जन सुराज का दावा है कि बिहार में बदलाव आएगा और पार्टी की जीत होगी।
बिहार में इस बार दो चरणों में चुनाव होना है। पहले चरण के लिए 6 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी और चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।