क्या प्रधानमंत्री मोदी ने बेटे शुभांशु को प्यार और आशीर्वाद दिया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी और शुभांशु शुक्ला की मुलाकात ने परिवार में खुशियाँ लाईं।
- शुभांशु ने अंतरिक्ष में अपने अनुभव साझा किए।
- इस मुलाकात ने वैज्ञानिक उपलब्धियों की महत्ता को उजागर किया।
- समाज में प्रेरणा का संचार हुआ।
- भविष्य में भारत के युवाओं के लिए यह एक नया मार्ग प्रशस्त करता है।
लखनऊ, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त करने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान शुभांशु ने प्रधानमंत्री को अपनी अंतरिक्ष यात्रा के अनुभवों से अवगत कराया। प्रधानमंत्री मोदी से शुभांशु की मुलाकात पर उनके परिवार वालों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की।
शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "हमें बहुत अच्छा लग रहा है। वह क्षण भावुक करने वाला था। प्रधानमंत्री मोदी ने बेटे शुभांशु को प्यार और आशीर्वाद दिया। शुभांशु ने पीएम मोदी को तिरंगा भेंट किया, जो कि उसने अंतरिक्ष में ले जाकर लाया था।"
उन्होंने बताया कि शुभांशु के लखनऊ आगमन पर विशेष स्वागत की योजना बनाई जा रही है, लेकिन बेटे के पास कितना समय है, उसके आने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। किसी कार्यक्रम के लिए दो से तीन घंटे का समय होना आवश्यक है, जो संभव नहीं हो पा रहा है।
शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने कहा कि यह एक खुशियों भरा पल था। उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा के बारे में बताते हुए कहा, "यह एक ऐतिहासिक और गौरव का क्षण था। हम सब घर में बैठकर उसकी यात्रा के नजारे देख रहे थे।" सदन में शुभांशु शुक्ला की स्पेस यात्रा पर चर्चा हो रही थी, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण सदन को स्थगित कर दिया गया। शुभांशु के नाम पर घर के बाहर सड़क बनने के फैसले का उन्होंने स्वागत किया।
शुभांशु की बहन सुचि मिश्रा ने कहा कि पीएम मोदी और शुभांशु शुक्ला की मुलाकात सकारात्मक रही, क्योंकि दोनों ही जिज्ञासु हैं। शुभांशु का अनुभव विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होगा। शेड्यूल के अधिक व्यस्त होने के कारण शुभांशु अधिक जानकारी साझा नहीं कर पाए। लखनऊ आने पर, जब भी समय मिलेगा, हम और भी बहुत सी जानकारियाँ जानेंगे। सुचि ने कहा कि लोकसभा में भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की स्पेस स्टेशन यात्रा और उसके बाद की वापसी पर विशेष चर्चा होनी थी, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण सदन चल नहीं पाया, जो कि निराशाजनक है।