क्या प्रधानमंत्री मोदी के मन में बिहार बसता है? छठ पर्व को दिलाया वैश्विक सम्मान: सांसद निशिकांत दुबे

सारांश
Key Takeaways
- छठ पर्व को यूनेस्को ने वैश्विक पहचान दी है।
- बिहार प्रधानमंत्री मोदी के दिल में खास स्थान रखता है।
- यह पर्व अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।
- भारत ने वैक्सीनेशन का कार्य भी विश्व स्तर पर किया।
- छठ पर्व का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से है।
भागलपुर, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि बिहार राज्य का प्रमुख पर्व छठ अब अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त कर चुका है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर्व को यूनेस्को के मंच पर रखा, जो यह सिद्ध करता है कि बिहार पीएम मोदी के दिल में विशेष स्थान रखता है।
झारखंड के गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को बिहार के भागलपुर में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा कि छठ अब केवल बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली या मुंबई तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे मॉरीशस, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और अमेरिका जैसे देशों में भी मनाया जा रहा है। यह प्रधानमंत्री मोदी के बिहार के प्रति प्रेम और भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रचार का प्रतीक है।
उन्होंने आगे कहा, "21 जून को विश्व योग दिवस की शुरुआत भी पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर हुई। 2014-15 में जब नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने, तब से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इसी प्रकार, यूनेस्को ने छठ पर्व को मान्यता दी, जो बिहार के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है।"
इस अवसर पर, निशिकांत दुबे ने हाल ही में 193 देशों के प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त राष्ट्र संघ के दौरे का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत उन गिने-चुने देशों में से एक है, जो सबसे पहले यूएनओ में अपना योगदान देता है।
उन्होंने कहा, "यूएनडीपी में जब हम लोग बैठे थे, तब उन लोगों ने कहा था, '1954 में पेंसिलिन बनाने का पैसा भारत को दिया था। इसका मतलब है कि पेंसिलिन तब भारत में नहीं बनता था, लेकिन 2025 में भारत ने 300 मिलियन पेंसिलिन की खरीद की।"
निशिकांत दुबे ने यह भी कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैक्सीन सिर्फ बनाई नहीं, बल्कि इसे दुनियाभर में वितरित किया। इस कारण आज दुनिया के 193 देश भारत और प्रधानमंत्री मोदी को एक अलग नजरिए से देख रहे हैं।