क्या अयोध्या में प्रधानमंत्री मोदी ने धर्म ध्वज फहराया?
सारांश
Key Takeaways
- धर्म ध्वज का महत्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक भी है।
- अभिजीत मुहूर्त का शुभ समय विशेष माना जाता है।
- राम मंदिर करोड़ों की आस्था का प्रतीक है।
- सांस्कृतिक पुनर्जागरण का एक चरण है।
- ध्वजारोहण में कई प्रमुख नेता मौजूद थे।
अयोध्या, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिजीत मुहूर्त के शुभ अवसर पर श्रीराम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज की स्थापना की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ध्वज को शिखर पर फहराया। इस अवसर पर उनके साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत और ट्रस्ट के गोविंदगिरी भी उपस्थित रहे।
ट्रस्ट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राम मंदिर के शिखर पर जो ध्वज फहराया गया है, वह 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा, समकोण त्रिभुजाकार है। इस ध्वज पर कोविदारा वृक्ष की छवि के साथ 'ओम' अंकित किया गया है। मंदिर के चारों ओर बने 800 मीटर लंबे परकोटे को दक्षिण भारतीय आर्किटेक्चरल परंपरा में डिजाइन किया गया है, जो मंदिर की आर्किटेक्चरल विविधता को दर्शाता है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने सर संघचालक मोहन भागवत के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रामलला के दरबार में शीश नवाया। दर्शन के बाद पूजा अर्चना की गई। सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी इस अवसर पर मौजूद थे।
ध्वजारोहण समारोह का साक्षी बनने के लिए हर उम्र के लोग और भक्त अयोध्या पहुंचे हैं। भले ही उन्हें राम मंदिर में प्रवेश नहीं मिल रहा, लेकिन वे रामनगरी में आए हैं।
यह आयोजन अयोध्या में चल रहे सांस्कृतिक पुनर्जागरण का एक महत्वपूर्ण चरण है। नेताओं ने कहा है कि यह ध्वज केवल धार्मिक आस्था का नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन सभ्यता और समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यों का भी प्रतीक है।
ऐतिहासिक ध्वजारोहण के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज पीढ़ियों की प्रतीक्षा का फल साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि आज देश नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह राम मंदिर करोड़ों की आस्था का प्रतीक है।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या में हैं। सुबह एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने लंबा शो निकाला, जहां श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत किया। रोड शो के बाद प्रधानमंत्री सप्त मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की।