क्या प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों का कल्याण हर कदम पर सुनिश्चित किया?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों का कल्याण हर कदम पर सुनिश्चित किया?

सारांश

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हाल ही में बेमौसम बरसात से प्रभावित किसानों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का सहायता पैकेज घोषित किया। पीएम मोदी ने किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जो उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक हैं। जानें इस कार्यक्रम में क्या खास बातें रहीं।

Key Takeaways

  • गुजरात सरकार ने बेमौसम बरसात से प्रभावित किसानों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का सहायता पैकेज दिया है।
  • पीएम मोदी ने 21वीं किस्त के तहत 18 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि हस्तांतरित की है।
  • कृषि में प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
  • किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की गई हैं।

गांधीनगर, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि राज्य के किसानों पर हाल ही में आई असाधारण बेमौसम बरसात की विपदा से हुए नुकसान से उन्हें उबारने के लिए इस डबल इंजन सरकार ने बेहद तेजी से 10 हजार करोड़ रुपए का उदारतम सहायता पैकेज दिया है।

मुख्यमंत्री ने यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर से देश के किसानों के लिए पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त जारी करने के अवसर पर गांधीनगर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में कही। इस मौके पर राज्य के किसानों ने प्रधानमंत्री के संबोधन का सीधा प्रसारण देखा।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश भर के 9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 21वीं किस्त के अंतर्गत 18 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि हस्तांतरित की। इस सहायता के तहत गुजरात के 49.31 लाख से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए 986 करोड़ रुपए मिले।

गांधीनगर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, कृषि मंत्री जीतूभाई वाघाणी और कृषि राज्य मंत्री रमेशभाई कटारा ने पीएम-किसान सम्मान निधि के साथ ही 11.68 लाख रुपए से अधिक के विभिन्न कृषि सहायता के मंजूरी पत्रों का वितरण किया।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। इतना ही नहीं, क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटने के लिए ‘एक पेड़ मां के नाम’ और प्राकृतिक कृषि जैसे अभियानों के माध्यम से ग्रीन कवर बढ़ाकर सुरक्षा प्रदान करने का दृष्टिकोण अपनाया है।

सीएम भूपेंद्र पटेल ने विश्वास व्यक्त किया कि रसायन युक्त खेती से बिगड़ रही जमीन और मानव के स्वास्थ्य को बचाने के उपाय के रूप में प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक कृषि को अपनाने का जो विचार दिया है, वह भविष्य की पीढ़ी के स्वस्थ एवं तंदुरुस्त जीवन तथा जमीन की उर्वरता बढ़ाने में उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने प्राकृतिक कृषि को भविष्य की खेती करार देते हुए कहा कि इसे अपनाना मौजूदा समय की मांग है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री बीज से लेकर बाजार तक के हर स्तर पर किसान हितकारी निर्णयों के जरिए उनके साथ खड़े हैं। इस वर्ष के बजट में पीएम धन-धान्य कृषि योजना शुरू करने का कमिटमेंट किया था, जिसे उन्होंने अन्नदाता की चिंता करते हुए 6 वर्षों की अवधि के लिए लागू करके यह सिद्ध किया कि वे जो कहते हैं, वह करते हैं। प्रधानमंत्री की कृषि हितकारी नीति एवं किसानों के प्रति संवेदना के कारण आज गुजरात के लगभग 98 प्रतिशत से अधिक किसानों को दिन में बिजली मिल रही है। किसानों को पर्याप्त पानी व बिजली मिलने के कारण राज्य के कृषि क्षेत्र की तस्वीर समग्रतया बदल गई है तथा किसान समृद्ध हुआ है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा गुजरात में 2005 में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में शुरू कराए गए कृषि महोत्सव के तहत राज्य सरकार खुद चलकर किसानों के खेत में जाती है और उन्हें इसकी समझ देती है कि कौन-सी फसल लगानी चाहिए, मूल्यवर्धन करके किस तरह अधिक आय प्राप्त हो सकती है। इससे लैब टू लैंड का दृष्टिकोण भली-भांति साकार हुआ है।

इस अवसर पर कृषि मंत्री जीतूभाई वाघाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सदा-सर्वदा किसानों की चिंता की है। राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा देश के प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने अनेक कृषि-उन्मुखी पहलें की हैं, जिसे आज राज्य के उदार एवं दृढ़ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल अच्छी तरह से आगे बढ़ा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए मशीनीकरण, फसल संरक्षण, कृषि में नैनो टेक्नोलॉजी तथा आईटी का उपयोग, प्राकृतिक खेती, जीरो बजट खेती, किसानों के लिए उत्पादन बढ़ाने, खर्च घटाने व अधिक बिक्री की व्यवस्थाएं की गई हैं।

उन्होंने कहा कि आज दिन-प्रतिदिन हमारी कृषि भूमि बंजर होती जा रही है, जिसके कारण वर्तमान एवं भावी पीढ़ियां अनेक रोगों का शिकार न बनें, इसके लिए प्राकृतिक कृषि को अपनाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने किसानों को उपकार भाव से नहीं, बल्कि सेवा के भाव से सम्मान देने के लिए वर्ष 2019 से ‘पीएम-किसान सम्मान निधि’ योजना की समग्र देश में शुरुआत कराई है। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन तथा पूर्ण पारदर्शिता के फलस्वरूप किसानों के बैंक खातों में पैसा सीधे पहुंच रहा है।

Point of View

सरकार द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय हैं। यह दर्शाता है कि सरकार किसानों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है।
NationPress
19/11/2025

Frequently Asked Questions

किसानों के लिए पीएम-किसान सम्मान निधि योजना क्या है?
पीएम-किसान सम्मान निधि योजना एक सरकारी योजना है जिसमें किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
गुजरात के किसानों को कितनी सहायता राशि मिली?
गुजरात के किसानों को 986 करोड़ रुपए की सहायता राशि मिली है।
किसान कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कौन सी योजनाएं लागू की हैं?
प्रधानमंत्री मोदी ने कई योजनाएं जैसे प्राकृतिक कृषि, जीरो बजट खेती आदि लागू की हैं।
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