क्या प्रधानमंत्री मोदी ने 'विश्व संस्कृत दिवस' पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी ने 'विश्व संस्कृत दिवस' पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने 'विश्व संस्कृत दिवस' पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं, संस्कृत के महत्व को रेखांकित करते हुए। उन्होंने बताया कि कैसे सरकार ने पिछले दशक में संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। यह दिवस संस्कृत के प्रति समर्पण को मान्यता देने का अवसर है।

Key Takeaways

  • संस्कृत का महत्व सभी क्षेत्रों में है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने संस्कृत के प्रति समर्पण की सराहना की।
  • सरकार ने इसे लोकप्रिय बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

नई दिल्ली, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर 'विश्व संस्कृत दिवस' के चलते देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने संस्कृत को "ज्ञान और अभिव्यक्ति का एक शाश्वत स्रोत" बताते हुए इसके विविध क्षेत्रों में स्थायी प्रभाव को उजागर किया। पीएम मोदी ने उन विद्वानों, छात्रों और उत्साही लोगों के समर्पण की सराहना की जो संस्कृत को सीखने, सिखाने और उसे लोकप्रिय बनाने में लगातार प्रयासरत हैं।

'विश्व संस्कृत दिवस' के अवसर पर प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में तीन अलग-अलग पोस्ट साझा किए। उन्होंने कहा कि यह दिन दुनियाभर में संस्कृत का अध्ययन और लोकप्रिय बनाने वाले सभी प्रयासों की सराहना करने का एक अवसर है।

उन्होंने लिखा, "हम श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर विश्व संस्कृत दिवस मना रहे हैं। संस्कृत ज्ञान और अभिव्यक्ति का एक शाश्वत स्रोत है। इसका प्रभाव सभी क्षेत्रों में देखा जा सकता है। यह दिन दुनियाभर में संस्कृत सीखने और उसे लोकप्रिय बनाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के प्रयासों की सराहना करने का सुअवसर है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पिछले एक दशक में सरकार ने संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने लिखा, "पिछले एक दशक से ज्यादा समय में हमारी सरकार ने संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। इनमें केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, संस्कृत शिक्षण केंद्रों की स्थापना, संस्कृत विद्वानों को अनुदान प्रदान करना और पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के लिए ज्ञान भारतम मिशन शामिल हैं। इससे अनगिनत विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को लाभ हुआ है।"

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 'विश्व संस्कृत दिवस' पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, "आप सभी को विश्व संस्कृत दिवस पर कोटि-कोटि अभिनंदन। संस्कृत भाषा हमारी संस्कृति, सभ्यता और संस्कार का मूल आधार है। संस्कृत और भारतीय ज्ञान परंपरा को लोक व्यवहार का हिस्सा बनाने तथा इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए आइए हम सब सदैव संकल्पित रहें।"

'विश्व संस्कृत दिवस' पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा, "देववाणी संस्कृत भारत की आत्मा की अभिव्यक्ति, ऋषियों की वाणी का स्पंदन और सनातन ज्ञान का अनंत स्रोत है। यह भाषा हमारी परंपरा, प्रज्ञा और वैश्विक बौद्धिकता की आधारभूमि है। आइए, विश्व संस्कृत दिवस पर इस अमृत वाणी के संरक्षण, प्रसार और दैनिक जीवन में प्रयोग के लिए संकल्पित हों।"

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी इस अवसर पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, "संस्कृत ने न केवल भारतीय संस्कृति को आकार दिया, बल्कि विश्वभर में ज्ञान के विविध क्षेत्रों में अहम योगदान दिया है। हमारे प्राचीन ग्रंथों और विज्ञान के अद्भुत दृष्टिकोण को समझने के लिए संस्कृत का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है। यह दिवस हमें अपने कर्तव्यों और संस्कृति की ओर सहेजने और संजोने की प्रेरणा देता है। आइए, हम सभी संस्कृत को और अधिक प्रोत्साहित करें, ताकि यह भाषा हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक अमूल्य धरोहर बनी रहे।"

Point of View

NationPress
09/08/2025

Frequently Asked Questions

विश्व संस्कृत दिवस कब मनाया जाता है?
विश्व संस्कृत दिवस हर साल श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
संस्कृत का क्या महत्व है?
संस्कृत को ज्ञान और अभिव्यक्ति का एक शाश्वत स्रोत माना जाता है, जो विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है।
सरकार ने संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, संस्कृत शिक्षण केंद्रों की स्थापना, और पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण जैसे कई कदम उठाए हैं।