क्या प्रधानमंत्री मोदी से श्रमयोगी ने त्योहार मनाने की बात की?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी से श्रमयोगी ने त्योहार मनाने की बात की?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में 11 हजार करोड़ रुपए की हाईवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस दौरान श्रमयोगियों से बातचीत में त्योहारों को मनाने के अनुभव साझा किए गए। जानिए श्रमयोगियों ने किस तरह एकता और सहयोग की मिसाल पेश की।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाईवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
  • श्रमयोगियों ने काम में आई नई मशीनरी के फायदे बताए।
  • राज्यों के श्रमयोगियों के बीच सहयोग और त्योहार मनाने की भावना।
  • श्रमयोगियों ने डिजिटल संचार के महत्व को बताया।
  • प्रधानमंत्री ने समय के महत्व पर जोर दिया।

नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 11 हजार करोड़ रुपए की हाईवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने दिल्ली में द्वारका एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (यूईआर-2) का निर्माण करने वाले श्रमयोगियों से मुलाकात कर बातचीत भी की।

प्रधानमंत्री मोदी ने श्रमयोगी से पूछा कि आप यहां कितने साल से काम कर रहे हैं और पहले और आज के काम के अनुभव में क्या अंतर है? इस पर श्रमयोगी ने कहा कि मैं यहां पिछले 5 साल से हूं। पहले हम लोग मैनुअली काम करते थे, जिससे ज्यादा समय लगता था, लेकिन अब कुछ नई मशीनरी आ गई है, जिससे काम आसान हो गया।

पीएम मोदी ने पूछा कि आपने उत्तर प्रदेश के सिवाय कितने लोगों से दोस्ती बनाई? इस पर अन्य श्रमयोगी ने जवाब दिया कि यहां कई राज्यों के लोग आए हैं। उनके साथ बैठकर एक साथ त्योहार मनाते हैं। हम लोगों ने साथ में जन्माष्टमी भी मनाई थी।

उन्होंने एक अन्य श्रमयोगी से पूछा कि आप कितने पढ़े-लिखे हो और यहां क्या करते हो? इस पर श्रमयोगी बृजेश कुमार ने कहा कि मैं बिहार के सिवान का रहने वाला हूं और यहां पिछले 6 साल से काम कर रहा हूं। मैं ग्रेजुएट हूं और यहां लेबर मैनेजमेंट का काम देखता हूं। हमें इस प्रोजेक्ट से बहुत कुछ सीखने को मिला।

प्रधानमंत्री ने पूछा कि घरवाले से बात करते हैं?

इस पर अन्य श्रमयोगी ने कहा कि मैंने चेन्नई में तीन साल और अब यहां काम किया। अब डिजिटल जमाना है तो रोजाना वीडियो कॉल के जरिए घरवालों से बात हो जाती है और बहुत अच्छा लगता है।

प्रधानमंत्री ने पूछा कि घर कब जाते हो? तो, श्रमयोगी ने कहा कि त्योहारों में घर जाता हूं। अब छठ पूजा में जाऊंगा।

इस दौरान एक श्रमयोगी ने कहा कि मैं बिहार के मधुबनी का रहने वाला हूं तो इस पर पीएम मोदी ने कहा कि मधुबनी के लोग बहुत मीठा बोलते हैं। प्रधानमंत्री के कोविड काल के सवाल पर श्रमयोगी ने कहा कि कोविड के समय हमें यहीं पर बुला लिया गया था। मास्क और भोजन के साथ पूरा वेतन भी मिला था। यह हम लोगों का सौभाग्य है कि इस प्रोजेक्ट में काम करने और आपसे बात करने का मौका मिला।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब लोग इस सुविधा का उपयोग करते हैं तो उनका कितना समय बचता है। टाइम इज मनी, सबसे ज्यादा कीमती समय होता है। आप लोगों के कारण सिर्फ लोगों की गाड़ी ही नहीं, बल्कि देश की गाड़ी भी तेज चलती है।

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रमयोगियों के साथ संवाद स्थापित किया है। यह उनके लिए एक प्रोत्साहन है और विकास की दिशा में एक मजबूती का प्रतीक है। इस तरह की बातचीत से हमें समझने में मदद मिलती है कि किस प्रकार श्रमयोगी समाज की रीढ़ की हड्डी हैं।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी ने किन परियोजनाओं का उद्घाटन किया?
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 हजार करोड़ रुपए की हाईवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
श्रमयोगियों ने किस प्रकार के अनुभव साझा किए?
श्रमयोगियों ने बताया कि कैसे वे मैनुअल काम से मशीनरी की ओर बढ़े हैं और त्योहारों पर एक साथ मिलकर मनाते हैं।