क्या जीवसृष्टि को बचाने के लिए कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करना पड़ेगा?

सारांश
Key Takeaways
- जीवसृष्टि और मानव सभ्यता की सुरक्षा आवश्यक है।
- ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य की ऊर्जा है।
- कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करने की आवश्यकता है।
- पर्यावरण की रक्षा में ग्रीन एनर्जी की महत्वपूर्ण भूमिका है।
- उत्तर प्रदेश जल संसाधनों में समृद्ध है।
गोरखपुर, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश और दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चिंता जीवसृष्टि और मानव सभ्यता को बचाने की है। यदि हमें जीवसृष्टि और मानव सभ्यता को सुरक्षित रखना है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार हमें 'नेट जीरो' की दिशा में बढ़ना होगा और कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम करना होगा।
सीएम योगी ने रविवार को गोरखपुर के खानिमपुर में टोरेंट समूह के ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का लोकार्पण करने के बाद रैली को संबोधित किया। यह प्लांट उत्तर प्रदेश का पहला और पूरे देश का दूसरा ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट है, जिसे टोरेंट गैस और टोरेंट पॉवर द्वारा स्थापित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा और बीमारियों से बचाव में ग्रीन एनर्जी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह प्लांट ऊर्जा क्षेत्र और स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से स्थापित यह प्लांट प्रदूषण रहित ऊर्जा की दिशा में एक नया कदम है। यहां पहले से एक सीएनजी प्लांट है, और अब ग्रीन हाइड्रोजन का प्लांट भी स्थापित किया गया है। इसके बाद, ग्रीन हाइड्रोजन और सीएनजी-पीएनजी की मिश्रण करके इसे घर-घर रसोई गैस के रूप में पहुंचाया जाएगा। हमें उम्मीद है कि यह नवाचार ग्रीन एनर्जी के उत्पादन के साथ लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक होगा।
सीएम योगी ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य की ऊर्जा है। उत्तर प्रदेश में जल संसाधनों की प्रचुरता के कारण इसकी संभावनाएं बहुत अधिक हैं। ग्रीन हाइड्रोजन जल से बनेगी, जिसमें दो हिस्से हाइड्रोजन और एक हिस्सा ऑक्सीजन होता है। उत्तर प्रदेश में जल संसाधनों की भरपूर उपलब्धता है, जिससे यहाँ बड़े पैमाने पर ग्रीन एनर्जी का उत्पादन किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन उन सभी कार्यों से होता है, जो प्रदूषण फैलाते हैं। पहले घरों में भोजन लकड़ी या कोयले से बनाया जाता था, जिससे कार्बन उत्सर्जन होता था। पीएम मोदी ने 'उज्ज्वला योजना' के तहत 10 करोड़ परिवारों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए हैं, जिसका लक्ष्य लोगों को फेफड़ों, टीबी, आंखों और अन्य बीमारियों से बचाना है। पहले स्ट्रीट लाइट में सामान्य बल्बों का इस्तेमाल होता था, जिससे अधिक कार्बन उत्सर्जन होता था। अब एलईडी स्ट्रीट लाइट्स के उपयोग से ऊर्जा की खपत और कार्बन उत्सर्जन दोनों में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास ऊर्जा के क्षेत्र में हाइड्रोपावर और थर्मलपावर है। प्रदेश में पवन ऊर्जा का अभाव है। राज्य सरकार ने 22 हजार मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। अब तक हम 6 हजार मेगावाट तक पहुंच चुके हैं और इसके विस्तार के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। रिन्यूएबल एनर्जी के लिए किसी न किसी अन्य ऊर्जा स्रोत की आवश्यकता होती है। भविष्य में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में हाइड्रोजन ऊर्जा सबसे अधिक संभावनाएं रखती है। यह ऊर्जा वर्तमान में महंगी है, लेकिन आने वाले समय में यह मोबाइल फोन की तरह सस्ती हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीन एनर्जी पूरी दुनिया के भविष्य को बदल देगी। आज प्रकृति और मानव स्वास्थ्य पर जो नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, उसका मुख्य कारण प्राकृतिक संसाधनों का अति प्रयोग और कृषि में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग है। कैंसर, लीवर की समस्याएं और अन्य गंभीर बीमारियों का भी यही कारण है। प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने से जलवायु परिवर्तन हो रहा है। पर्यावरण की समस्याओं का समाधान मानव के हाथ में है। इसका पहला उपाय प्राकृतिक खेती है और दूसरा उपाय ग्रीन एनर्जी का उपयोग है।