क्या विपक्ष प्रदूषण पर चर्चा से भागा? सदन में हंगामा : किरेन रिजिजू
सारांश
Key Takeaways
- प्रदूषण पर चर्चा का प्रयास किया गया था।
- कांग्रेस ने हंगामा किया।
- सरकार ने कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए।
- चुनाव आयोग पर पहली बार चर्चा हुई।
- मनरेगा में सुधार के लिए नया विधेयक लाया गया।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद के शीतकालीन सत्र के समापन पर शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रेसवार्ता में विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि हम प्रदूषण पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने इसे महत्वहीन बताते हुए हंगामा किया।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह एक खेदजनक स्थिति है कि हम प्रदूषण पर गंभीर चर्चा के लिए तैयार थे। कांग्रेस ने अन्य दलों को उकसाकर सदन में अराजकता और व्यवधान उत्पन्न किया।
उन्होंने कहा, "इस सत्र में पारित विधेयक करोड़ों लोगों के जीवन में सुधार लाने और भारत को 'विकसित' राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 'वंदे मातरम' पर व्यापक चर्चा के माध्यम से, हमने देशभक्ति की भावना को फिर से जीवित किया है। कई लोगों ने चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्न उठाए, लेकिन संसद के दोनों सदनों में चुनावी सुधारों पर बहस के बाद सभी स्पष्ट हो गया। चुनाव आयोग और चुनावी प्रणाली पर आरोप लगाने वाले भी बेनकाब हो गए।"
किरेन रिजिजू ने कहा कि यह पहली बार था जब चुनाव आयोग और चुनावी सुधारों पर अलग से चर्चा हुई। यह दर्शाता है कि सरकार चर्चा के लिए कितनी तत्पर है। इस चर्चा के बाद कोई भ्रम नहीं रह गया है। विपक्ष को इसके लिए हमारा धन्यवाद करना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "2025 का शीतकालीन सत्र देश के लिए अत्यधिक उत्पादक सत्र साबित हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुधारात्मक एजेंडे में तेजी से प्रगति हुई है। इस सत्र ने इसे आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।"
उन्होंने कहा, "लोगों ने मनरेगा को लूट और भ्रष्टाचार का साधन बना लिया था। इसे सुधारने के लिए 'विकसित भारत : जी राम जी' विधेयक लाया गया। यह विधेयक ग्रामीण भारत में क्रांति लाएगा। इसके बावजूद विपक्ष इसका लगातार विरोध करता रहा है। इससे साबित होता है कि विपक्ष श्रमिक विरोधी है।"
उन्होंने जोर देते हुए कहा, "'वंदे मातरम' पर व्यापक चर्चा करके, हमने एक बार फिर देशभक्ति की भावना को आगे बढ़ाया है। विपक्ष ने लगातार हर विधेयक का विरोध किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इनका कार्य केवल जनता को भ्रमित करना है।"