क्या प्रल्हाद जोशी ने स्वच्छता अभियान में भाग लिया और कर्नाटक में जातिगत सर्वेक्षण पर सवाल उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- जातिगत सर्वेक्षण को लेकर प्रल्हाद जोशी की चिंताएँ हैं।
- महात्मा गांधी के सिद्धांतों को अपनाने का आह्वान किया गया।
- राजनीतिक भ्रम और अंदरूनी मतभेदों को छिपाने की कोशिशें की जा रही हैं।
धारवाड़, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कर्नाटक में जातिगत सर्वेक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार को आलोचना का निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में विभाजन लाने के उद्देश्य से नई जातिगत श्रेणियां बनाई गई हैं और वे अत्यधिक निजी जानकारी मांग रहे हैं। इस संदर्भ में हमारा موقف स्पष्ट है कि हम ऐसी जानकारी प्रदान नहीं करेंगे।
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार को कर्नाटक के धारवाड़ में स्वच्छता अभियान में भाग लिया। इससे पूर्व, महात्मा गांधी की 156वीं जयंती के अवसर पर, उन्होंने धारवाड़ जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने स्थित गांधी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने आग्रह किया कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों जैसे ग्राम स्वशासन, स्वच्छता और रामराज्य को अपनाना चाहिए।
'जातिगत सर्वेक्षण' से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा, "सर्वेक्षक बिना निवासियों को बताए घरों पर स्टिकर चिपका रहे हैं। न तो उन्होंने घंटी बजाई, न ही दस्तक दी। जनगणना 15 दिनों के भीतर पूरी होनी चाहिए, यही पहले का दिशानिर्देश था। लेकिन इन अधिकारियों को न तो उचित प्रशिक्षण दिया गया और न ही तकनीक का इस्तेमाल किया गया।"
उन्होंने यह भी बताया कि कर्नाटक में 'जातिगत सर्वेक्षण' केवल कुछ लोगों की संतुष्टि के लिए किया जा रहा है और यह अंदरूनी मतभेदों को छिपाने का एक तरीका है। कुछ विधायक यह दावा कर रहे हैं कि नवंबर तक उप-मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री बन जाएंगे, जबकि वर्तमान मुख्यमंत्री ने खुद कहा है कि वे अगले साल दशहरा तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इस राजनीतिक भ्रम को छिपाने के लिए, डीके शिवकुमार (उप-मुख्यमंत्री) ने वोक्कालिगा समुदाय का समर्थन पाने के लिए सर्वेक्षण को प्राथमिकता दी है।
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह जातिगत सर्वेक्षण कराएगी, लेकिन जब हम सिद्धारमैया सरकार की कमियों को उजागर करते हैं, तो वे हमें ही दोषी ठहराने लगते हैं।
उन्होंने कहा, "कुछ लोग कहते हैं कि भाजपा जाति जनगणना के खिलाफ है। यह गलत है। हमारी केंद्र सरकार ने पहले ही जाति जनगणना कराने का निर्णय लिया है। यह वैज्ञानिक तरीके से, तकनीक का इस्तेमाल करके किया जाएगा।"