क्या सरकार ने एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग नियमों को तोड़ने के लिए 25 ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंज को नोटिस जारी किया?

Click to start listening
क्या सरकार ने एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग नियमों को तोड़ने के लिए 25 ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंज को नोटिस जारी किया?

सारांश

फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ऑफ इंडिया ने 25 ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंज को एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग नियमों का पालन न करने के लिए नोटिस भेजा है। इस कदम से भारत में क्रिप्टो व्यापार पर निगरानी बढ़ेगी। जानिए इसके पीछे के कारण और प्रभाव।

Key Takeaways

  • फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने 25 ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंज को नोटिस जारी किया है।
  • नियमों के उल्लंघन पर 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
  • सभी क्रिप्टो वॉलेट्स को एफआईयू-आईएनडी के साथ पंजीकरण कराना होगा।

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ऑफ इंडिया (एफआईयू -आईएनडी) ने 25 ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंज को एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग नियमों का पालन न करने के लिए नोटिस भेजा है। यह जानकारी वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में प्रदान की गई।

ये नोटिस प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धारा 13 के तहत जारी किए गए थे।

यह धारा अधिकारियों को जांच आरंभ करने, कंपनी के रिकॉर्ड की जांच करने, ग्राहक विवरणों का सत्यापन करने और संदिग्ध लेनदेन पर रिपोर्ट मांगने का अधिकार देती है।

नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर प्रत्येक उल्लंघन के लिए 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

जिन 25 विदेशी कंपनियों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें सिंगापुर की कॉइनडब्ल्यू, यूके की बीटीसीसी, हांगकांग की चांगेली और अमेरिका की पैक्सफुल शामिल हैं।

अन्य कंपनियों में कंबोडिया की हुईओन, अमेरिका और यूके की सीईएक्सडॉटआईओ, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स की एलबैंक, सेंट लूसिया की प्राइमएक्सबीटी, हांगकांग की कॉइनएक्स, सिंगापुर की रेमीटानो, बोस्टन की पोनोनिएक्स, सेशेल्स की बिटमैक्स और लिकटेंस्टीन की एलसीएक्स शामिल हैं।

फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ऑफ इंडिया ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत अलग-अलग नोटिस भी जारी किए हैं, जिनमें पीएमएलए के तहत उचित पंजीकरण के बिना भारत में चल रहे ऐप्स और वेबसाइटों को हटाने का अनुरोध किया गया है।

फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ऑफ इंडिया की स्थापना 2004 में की गई थी। यह संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के बारे में जानकारी एकत्र करने और उसका विश्लेषण करने के लिए जिम्मेदार मुख्य एजेंसी है।

मौजूदा समय में 50 क्रिप्टो वॉलेट फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ऑफ इंडिया के पास पंजीकृत हैं।

हालांकि, कई विदेशी कंपनियां बिना पंजीकरण के भारत में काम कर रही हैं, जिससे वे एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटर-फाइनेंशिंग ऑफ टेररिज्म (एएमएल-सीएफटी) ढांचे से बाहर हैं।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारतीय यूजर्स को सेवा प्रदान करने वाले सभी क्रिप्टो वॉलेट सर्विस प्रोवाइडर्स (चाहे वे भारत में स्थित हों या विदेश में) को एफआईयू-आईएनडी के साथ पंजीकरण कराना होगा और पीएमएलए नियमों का पालन करना होगा।

Point of View

जो भारतीय यूजर्स के हितों की रक्षा करता है।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ऑफ इंडिया क्या है?
फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ऑफ इंडिया (एफआईयू-आईएनडी) एक सरकारी एजेंसी है जो संदिग्ध वित्तीय लेनदेन की जानकारी एकत्र और विश्लेषण करती है।
एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग नियमों का उल्लंघन करने पर क्या होगा?
नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर प्रत्येक उल्लंघन के लिए 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
क्या सभी क्रिप्टो एक्सचेंज को एफआईयू-आईएनडी के साथ पंजीकरण कराना होगा?
जी हां, भारतीय यूजर्स को सेवा प्रदान करने वाले सभी क्रिप्टो वॉलेट सर्विस प्रोवाइडर्स को एफआईयू-आईएनडी के साथ पंजीकरण कराना होगा।