क्या जीएसटी 2.0 ने उत्तर प्रदेश में विकास को गति दी है?

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क्या जीएसटी 2.0 ने उत्तर प्रदेश में विकास को गति दी है?

सारांश

उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में जीएसटी सुधार ने महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। अब पीतल, कालीन, चमड़ा और खेल सामग्री के उद्योगों को नई दिशा मिल रही है, जिससे न केवल निर्यात बढ़ेगा, बल्कि लाखों कारीगरों को भी रोजगार मिलेगा।

Key Takeaways

  • जीएसटी सुधारों से घरेलू उद्योग को बढ़ावा मिला है।
  • बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार हुआ है।
  • कारीगरों को नौकरी के नए अवसर मिले हैं।
  • उत्पादों की कीमतों में कमी आई है।
  • निर्यात में वृद्धि हुई है।

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी सुधार ने उत्तर प्रदेश की विविध अर्थव्यवस्था को लक्षित राहत प्रदान की है, जिसमें जीआई-पंजीकृत कालीन, पीतल के बर्तन, जरदोजी, जूते, चीनी मिट्टी के उत्पादन, खेल के सामान और सीमेंट शामिल हैं।

गुरुवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि कम कर दरों से परिवारों की सामर्थ्य में सुधार होगा, कारीगरों पर कार्यशील पूंजी का दबाव कम होगा और घरेलू तथा वैश्विक दोनों बाजारों में एमएसएमई की प्रतिस्पर्धात्मकता मजबूत होगी।

जीएसटी में टैक्स की दरें कम होने से भदोही के कालीन, मुरादाबाद के पीतल के बर्तन और सहारनपुर के लकड़ी के सामान के 6-7 प्रतिशत सस्ते होने की उम्मीद है, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और लाखों कारीगरों के रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। भदोही-मिर्जापुर-जौनपुर क्षेत्र भारत के सबसे बड़े हाथ से बुने और बुने हुए कालीन क्लस्टर में से एक है।

जीएसटी दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने के बाद, हाथ बने कालीन सस्ते हो गए हैं।

कानपुर-आगरा क्षेत्र में 15 लाख श्रमिकों को रोजगार देने वाले चमड़ा और फुटवियर क्लस्टरों को भी जीएसटी दर में कटौती से लाभ मिलेगा, जिससे एमएसएमई की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा और निर्यात में वृद्धि होगी।

जीएसटी सुधारों से उत्तर प्रदेश में लकड़ी के खिलौने और शिल्प क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, जो पारिवारिक कारीगरों द्वारा संचालित है, जिनमें से कई अपने घरों से काम करते हैं।

केवल वाराणसी और चित्रकूट के क्लस्टर लगभग 15,000-25,000 कारीगरों को रोजगार देते हैं, जबकि सहारनपुर में लकड़ी के काम और नक्काशी में लगे हजारों कारीगर रहते हैं। रामपुर भी इस पारंपरिक शिल्प नेटवर्क का हिस्सा है। ये क्लस्टर मेलों, धार्मिक खिलौनों और सजावट के माध्यम से मजबूत घरेलू मांग को पूरा करते हैं, और इनसे यूरोप और खाड़ी देशों तक मामूली निर्यात भी होता है।

जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से खिलौने और छोटे शिल्प सस्ते होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय बाजारों में उनकी सामर्थ्य बढ़ेगी और कारीगरों को मशीन-निर्मित प्लास्टिक उत्पादों से प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी।

जीएसटी सुधारों से राज्य के मेरठ और मोदीनगर स्थित खेल सामग्री क्लस्टरों को भी लाभ होगा, जहां 30,000-35,000 श्रमिक छोटी इकाइयों, एमएसएमई और बड़े कारखानों में कार्यरत हैं। यह क्षेत्र घरेलू बाजार के लिए लगभग 250 करोड़ रुपए मूल्य के क्रिकेट और हॉकी उपकरण बनाता है, साथ ही यूके, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व को भी निर्यात करता है।

Point of View

मैं यह स्वीकार करता हूँ कि जीएसटी सुधार ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एक नई दिशा दी है। यह न केवल निर्यात को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि कारीगरों के जीवन स्तर को भी सुधार रहा है। यह सुधार सभी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी का क्या महत्व है?
जीएसटी से करों की दरों में कमी आई है, जिससे उत्पाद सस्ते हुए हैं और निर्यात को बढ़ावा मिला है।
उत्तर प्रदेश के कौन से उद्योग जीएसटी से लाभान्वित हुए हैं?
पीतल, कालीन, चमड़ा, और खेल सामग्री के उद्योगों को जीएसटी सुधार से विशेष लाभ हुआ है।
क्या जीएसटी से रोजगार में वृद्धि हुई है?
हाँ, जीएसटी में कटौती से लाखों कारीगरों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
क्या जीएसटी से स्थानीय बाजार प्रभावित हुए हैं?
जी हाँ, जीएसटी की वजह से स्थानीय बाजार में उत्पादों की सामर्थ्य में वृद्धि हुई है।
क्या इस सुधार का दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा?
जीएसटी सुधार के सकारात्मक प्रभाव दीर्घकालिक रूप से देखने को मिल सकते हैं।