क्या प्रियंका गांधी ने लोकसभा में सरकार पर हमला किया, पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सवाल उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- प्रियंका गांधी ने सरकार पर सवाल उठाए।
- पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी की मांग।
- सुरक्षा एजेंसियों की विफलता पर चिंता।
- रक्षा मंत्री और गृह मंत्री की भूमिका पर सवाल।
- देश की एकता की अपील।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में मंगलवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के दौरान कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और इतिहास के विषयों पर चर्चा की, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि पहलगाम में हमला आखिर हुआ कैसे?
प्रियंका गांधी ने सेना के साहस को सलाम करते हुए कहा कि 1948 से लेकर अब तक, जब से पाकिस्तान ने पहली बार घुसपैठ की, हमारी सेना ने देश की अखंडता को बनाए रखने में अद्वितीय भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा, "मंत्रीगण कई मुद्दों पर बोले, इतिहास का जिक्र किया, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सवाल जो छूट गया, वह यह है कि पहलगाम में यह हमला कैसे और क्यों हुआ?"
प्रियंका ने इस दौरान शहीद शुभम द्विवेदी की पत्नी का भी उल्लेख किया और कहा, "लोग वहाँ सरकार के भरोसे गए थे, लेकिन सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया। हमले की जिम्मेदारी किसकी है? क्या नागरिकों की सुरक्षा रक्षा मंत्री और गृह मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है?"
प्रियंका ने आतंकी संगठन टीआरएफ की स्थापना और उसकी गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा, "अगर सरकार की किसी एजेंसी को इस गंभीर हमले की भनक तक नहीं लगी, तो यह एक बड़ी खुफिया विफलता है।"
उन्होंने इसे सुरक्षा एजेंसियों की गंभीर चूक बताया और कहा कि सरकार को यह बताना होगा कि ऐसी घटनाएँ क्यों और कैसे हो रही हैं।
प्रियंका ने कहा, "आप इतिहास की बातें करते रहिए, मैं वर्तमान की बात करूंगी। पिछले 11 वर्षों से आप सत्ता में हैं। कल जब गौरव गोगोई ने जिम्मेदारी तय करने की बात की, तब राजनाथ सिंह गंभीर दिख रहे थे, जबकि अमित शाह हंस रहे थे।"
उन्होंने मुंबई हमले का जिक्र करते हुए कहा, "इन लोगों ने आरोप लगाया कि 26/11 के बाद मनमोहन सरकार ने कुछ नहीं किया, जबकि सच यह है कि हमले के दौरान ही तीन आतंकियों को मार गिराया गया था, और एक को जिंदा पकड़ा गया जिसे बाद में फांसी दी गई। उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देश के गृह मंत्री दोनों ने इस्तीफा दिया था।"
प्रियंका ने कहा, "उरी और पुलवामा हमलों के समय राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे और आज रक्षा मंत्री हैं। अमित शाह के कार्यकाल में मणिपुर जल रहा है, दिल्ली में दंगे हुए हैं और अब पहलगाम हमला हुआ है, फिर भी वह क्यों गृह मंत्री बने हुए हैं? देश यह जानना चाहता है।"
उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद पूरा देश एकजुट होकर खड़ा हो गया और अगर दोबारा ऐसा हमला होता है तो देश फिर एकजुट होगा। देश पर हमला होगा, तो हम सरकार के साथ खड़े होंगे, लेकिन सवाल भी पूछेंगे।