क्या पुडुचेरी में विल्लियानूर बम विस्फोट मामले में एनआईए ने छापेमारी की?

सारांश
Key Takeaways
- पुडुचेरी में एनआईए ने चार जगहों पर छापेमारी की।
- दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, जिनका संबंध विल्लियानूर बम विस्फोट से है।
- संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप है।
- एक राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या इस मामले का हिस्सा है।
- एनआईए की जांच जारी है।
पुडुचेरी, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को पुडुचेरी में चार स्थानों पर छापेमारी की। इसके नतीजे में एनआईए की टीम ने 2023 के विल्लियानूर बम विस्फोट मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारियों में से एक जगह केंद्र शासित प्रदेश की सेंट्रल जेल थी।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हेराम उर्फ कार्तिकेयन उर्फ टीआर और उदयकुमार उर्फ कुमार के रूप में हुई है। उन्हें संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में एक राजनीतिक कार्यकर्ता सेंथिल कुमार की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उस शाम करीब 9:30 बजे, बाइक पर सवार छह हमलावरों ने विल्लियानूर में पीड़ित पर एक देसी बम फेंका और फिर चाकू एवं तलवारों से उसकी हत्या कर दी।
एनआईए की जांच में यह सामने आया कि गिरफ्तार आरोपियों ने मुख्य आरोपी नित्यानंदम उर्फ निती के साथ मिलकर संरक्षित गवाहों के नाम, पहचान और मोबाइल नंबर प्राप्त करने और उन्हें सार्वजनिक करने की साजिश की थी। निती के साथ 12 अन्य लोगों पर एनआईए ने 21 सितंबर 2023 को आरोप-पत्र दाखिल किया था। निती इस समय यानम जेल में है, जबकि अन्य आरोपी पुडुचेरी की सेंट्रल जेल, कालपेट में हैं।
जांच के दौरान हाल ही में प्राप्त खुफिया जानकारी से पता चला कि निती और उसके साथियों ने बम विस्फोट और हत्या मामले में संरक्षित गवाहों की पहचान अवैध रूप से प्राप्त कर ली थी। कथित तौर पर इस जानकारी का उपयोग गवाहों को धमकाने और कानूनी प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए किया गया था।
इस जानकारी के आधार पर एनआईए ने सेंट्रल जेल कालपेट और यानम जेल के अलावा दो अन्य स्थानों पर एक समन्वित छापेमारी की। टीमों ने मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए, जिनमें संरक्षित गवाहों की पहचान दर्शाने वाले दस्तावेज भी शामिल थे।
एजेंसी हत्या के पीछे की बड़ी आपराधिक साजिश को उजागर करने और एनआईए एक्ट के सेक्शन 17 और यूएपी (ए) एक्ट, 1967 के सेक्शन 44 का उल्लंघन करने वाले अन्य लोगों की पहचान करने के लिए अपनी जांच जारी रखे हुए है।