क्या पंजाब में बाढ़ संकट के बीच राधा स्वामी डेरा ब्यास राहत अभियान चला रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- राधा स्वामी डेरा ब्यास ने बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्य शुरू किया है।
- बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने राहत सामग्री के वितरण की व्यवस्था का निरीक्षण किया।
- स्थानीय लोगों ने डेरा के प्रयासों की सराहना की है।
- इस अभियान ने प्रभावितों के लिए आशा की किरण जगाई है।
- प्रशासन ने सामुदायिक सहयोग की प्रशंसा की है।
चंडीगढ़, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में बाढ़ से प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए राधा स्वामी डेरा ब्यास निरंतर राहत कार्यों में संलग्न है।
बुधवार को डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने जालंधर के रहमतपुर स्थित सत्संग भवन-3 का दौरा किया, जहां बाढ़ पीड़ितों के लिए विशाल मात्रा में राहत सामग्री तैयार की जा रही है। बाबा ने स्वयं पैकिंग की व्यवस्था का निरीक्षण किया और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की आवश्यकताओं पर चर्चा की।
सुबह से ही हजारों की संख्या में लोग संगत बाबा के दर्शन के लिए रहमतपुर सत्संग भवन पहुंच रहे थे। डेरा सेवादारों ने यातायात और आंतरिक व्यवस्था का ध्यान रखा, जबकि पुलिस ने सुरक्षा और यातायात के लिए सख्त प्रबंध किए। जालंधर में दर्शन के बाद बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों शाहकोट के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की ओर रवाना हुए। उन्होंने आश्वासन दिया कि हालात का जायजा लेने के बाद जरूरतमंद परिवारों को सहायता सामग्री प्रदान की जाएगी।
बीते रविवार को डेरा ब्यास में सत्संग के दौरान भी बाबा ने संगत से निवेदन किया था कि वे इस कठिन समय में पंजाब के भाइयों-बहनों की सेवा के लिए आगे आएं और आवश्यकता पड़ने पर बिना किसी स्वार्थ के सहायता करें। डेरा की ओर से राहत सामग्री में खाने-पीने का सामान, कपड़े और दवाइयां शामिल हैं, जो बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाई जा रही हैं।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि बाढ़ ने कई गांवों को नष्ट कर दिया है और लोग असहाय हो गए हैं। डेरा की यह पहल उनके लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है। प्रशासन ने भी डेरा के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह के सामुदायिक सहयोग से राहत कार्यों में तेजी आएगी। बाबा ने प्रभावितों से धैर्य बनाए रखने की अपील की और कहा कि डेरा हर संभव सहायता के लिए तत्पर है।
पंजाब में भारी बारिश के फलस्वरूप आई बाढ़ ने कई जीवन को प्रभावित किया है। डेरा ब्यास की ओर से चलाया जा रहा यह अभियान न केवल राहत प्रदान कर रहा है, बल्कि लोगों में आशा भी जगा रहा है।