क्या चंडीगढ़ क्राइम सेल ने चार आरोपियों को पांच हथियारों के साथ गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- चंडीगढ़ क्राइम सेल ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- गिरफ्तार आरोपियों के पास पांच अवैध हथियार थे।
- यह कार्रवाई स्थानीय रंजिश पर आधारित थी।
- पुलिस ने कार्रवाई के दौरान कई महत्वपूर्ण चीजें बरामद कीं।
- सुरक्षा बनाए रखने के लिए पुलिस की यह कार्रवाई आवश्यक है।
चंडीगढ़, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चंडीगढ़ क्राइम सेल पुलिस ने सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को पांच अवैध हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच है और इनका आपराधिक रिकॉर्ड मुख्य रूप से लड़ाई-झगड़े से संबंधित है।
इस ऑपरेशन को एसपी क्राइम जसबीर सिंह और डीएसपी धीरज कुमार के मार्गदर्शन में इंस्पेक्टर सतविंदर की टीम ने अंजाम दिया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में तीन स्थानीय युवक और एक लुधियाना का मुख्य हथियार सप्लायर शामिल है। इनके कब्जे से पांच देसी पिस्तौल, तीन मैगजीन, दस जिंदा कारतूस और दो कारें बरामद की गई हैं। यह कार्रवाई चंडीगढ़ में अवैध हथियारों के प्रसार और आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पुलिस के मुताबिक, 7 सितंबर को सेक्टर-56 से दो आरोपियों, रोहन और सुमित, को गिरफ्तार किया गया। अगले दिन उनके साथी मोहित को भी हिरासत में लिया गया। वहीं, मुख्य हथियार सप्लायर बबलू को रोहतक से पकड़ा गया। यह ऑपरेशन गुप्त सूचना के आधार पर शुरू किया गया था, जिसमें पता चला था कि कुछ युवकों के पास अवैध हथियार हैं और वे स्थानीय रंजिश के चलते इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
एसपी क्राइम जसबीर सिंह ने बताया, "हमें सूचना मिली थी कि कुछ युवकों के पास अवैध हथियार हैं और उनके बीच रंजिश के कारण झगड़ा हुआ है। इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए हमारी टीम ने चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया। इनके पास से पांच देसी पिस्तौल, मैगजीन, कारतूस और दो कारें बरामद की गई हैं। यह कार्रवाई शहर में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"
उन्होंने कहा कि आरोपियों के बीच स्थानीय रंजिश थी, जिसके चलते वे हथियारों का उपयोग कर सकते थे। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि बरामद हथियारों का उपयोग किसी अन्य अपराध में तो नहीं किया गया।