क्या जालंधर के स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी सही है?
सारांश
Key Takeaways
- जालंधर में स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी मिली।
- जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
- पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की।
- माता-पिता को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
- जांच का कार्य जारी है।
जालंधर, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के जालंधर जिले में एक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इसके बाद, पुलिसजांच की। वर्तमान में, जांच के दौरान स्कूल में किसी प्रकार की संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है।
इस विषय पर जालंधर के जिलाधिकारी हिमांशु अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि जैसे ही हमें इस धमकी का पता चला, पुलिस टीम ने तुरंत स्कूल प्रबंधक से संपर्क किया। इसके बाद उन्होंने मौके पर पहुँचकर पूरी जांच की, और राहत की बात है कि किसी भी प्रकार की संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। पेरेंट्स को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारी तरफ से स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे तुरंत बच्चों को घर भेज दें। इस धमकी के कारण जिले के अन्य स्कूलों के संचालन में कोई बाधा नहीं आई है। सभी अन्य स्कूल सामान्य रूप से चल रहे हैं। माता-पिता को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। अब तक की जांच में हमें कोई भी ऐसी वस्तु नहीं मिली है, जिससे इस मेल की प्रमाणिकता साबित हो सके। हालाँकि, जांच का कार्य जारी है। स्कूलों के प्रबंधन पर इसका कोई असर नहीं होना चाहिए, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं।
जिलाधिकारी हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि स्कूलों को तीन अलग-अलग मेल से बम से उड़ाने की धमकी मिली है, जिसकी जांच साइबर सेल द्वारा की जा रही है। अब तक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि किस संगठन ने स्कूलों को धमकी दी है।
उन्होंने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि जब किसी स्कूल के साथ ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, तो मैनेजमेंट एसओपी का पालन करता है। इस घटना में मौके पर उपस्थित पुलिस ने सुनिश्चित किया कि कोई पैनिक न करे। आमतौर पर ऐसी स्थिति में लोग डर जाते हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो जाती है। अगर हम चाहते हैं कि स्थिति अधिक जटिल न हो, तो लोगों को डरना बंद करना होगा। इस मामले में पुलिस ने पूरी तरह से एसओपी का पालन किया। कुल मिलाकर, स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। इसलिए किसी को भी घबराने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार के मॉड्यूल का उपयोग अमृतसर के स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी के मामले में किया गया था, उसी प्रकार का मॉड्यूल जालंधर में भी इस्तेमाल किया गया है। फिलहाल, हमारी तरफ से जांच की जा रही है।