क्या सुप्रीम कोर्ट ने एनएचएआई के हलफनामे पर कड़ी टिप्पणी की? हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है?

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क्या सुप्रीम कोर्ट ने एनएचएआई के हलफनामे पर कड़ी टिप्पणी की? हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है?

सारांश

क्या सुप्रीम कोर्ट ने एनएचएआई के हलफनामे पर सख्त टिप्पणी की? जानें अदालती रुख और सड़क सुरक्षा पर उठाए गए सवालों के बारे में।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने एनएचएआई के हलफनामे पर कड़ी टिप्पणी की।
  • सड़क हादसों की जिम्मेदारी का सवाल उठाया गया।
  • भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की आवश्यकता है।
  • अतिक्रमण की समस्या पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।
  • सड़क सुरक्षा नियमों का पालन आवश्यक है।

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा प्रस्तुत हलफनामे पर सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि इस हलफनामे में ठेकेदारों और स्थानीय अधिकारियों पर कीचड़ उछालने का प्रयास किया गया है। सड़क हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है?

सुप्रीम कोर्ट ने यह जानने की इच्छा जताई कि एनएचएआई की शक्तियां क्या हैं और इसके लिए जिम्मेदारी किसकी है? अदालती बेंच ने सॉलिसिटर जनरल से सवाल किया कि इस मामले का उचित समाधान क्या हो सकता है।

कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों और सर्दियों में कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की बेंच ने कहा कि हाईवे पर भारी अतिक्रमण है, विशेषकर जब वे शहरों और कस्बों से गुजरते हैं। कई हाईवे का उपयोग शहर की सड़कों के रूप में भी होता है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एनएचएआई के पास गति सीमा और सुरक्षा से संबंधित नियम हैं। उन्होंने कहा कि राजमार्गों पर ढाबे अवैध हैं और उन्हें हटाना एनएचएआई के अधिकार क्षेत्र में आता है, लेकिन कार्यान्वयन स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट और नगर निगमों पर निर्भर है। इसलिए भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यदि शहरों से गुजरने वाले राजमार्गों पर भारी अतिक्रमण हो रहा है, तो एनएचएआई को इसके समाधान के लिए गंभीर कदम उठाने चाहिए।

कोर्ट ने यह भी पूछा कि एनएचएआई द्वारा बनाए गए नियमों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा और इसकी जिम्मेदारी किसकी है। इसके साथ ही बेंच ने सुझाव दिया कि एक एडवोकेट कमिश्नर को निरीक्षण के लिए भेजा जाए और वहां की स्थिति का वीडियो तैयार किया जाए।

कोर्ट ने एनएचएआई से विस्तृत रिपोर्ट की मांग की और कहा कि केवल नियमों का ड्राफ्ट प्रस्तुत करने से काम नहीं चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजमार्गों पर अतिक्रमण और सुरक्षा संबंधी मुद्दे हर जगह समान हैं, और इसका समाधान आवश्यक है।

कोर्ट ने हाईवे सुरक्षा के लिए व्यापक आदेश जारी करने की बात की। सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों से मौजूदा अतिक्रमण की स्थिति को दर्शाने वाली गूगल इमेज भी साझा करने के लिए कहा ताकि उचित कदम उठाए जा सकें।

बता दें कि राजस्थान के फालौदी और तेलंगाना-बीजापुर हाईवे पर हुए भीषण सड़क हादसे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई हुई।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सड़क सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी संबंधित एजेंसियां अपनी जिम्मेदारियों को समझें और सही कदम उठाएं।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट ने एनएचएआई के हलफनामे पर क्या टिप्पणी की?
सुप्रीम कोर्ट ने एनएचएआई के हलफनामे में ठेकेदारों और स्थानीय अधिकारियों पर कीचड़ उछालने का प्रयास देखा और सड़क हादसों की जिम्मेदारी पर सवाल उठाया।
सड़क सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या सुझाव दिए?
सुप्रीम कोर्ट ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की बात की और एक एडवोकेट कमिश्नर को निरीक्षण के लिए भेजने का सुझाव दिया।
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