क्या पंजाब निकाय चुनाव में विपक्ष को हार का सामना करना पड़ेगा: बलतेज पन्नू?
सारांश
Key Takeaways
- पंजाब में निकाय चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रहे।
- मतदाताओं ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग किया।
- विपक्षी आरोप बेबुनियाद साबित हुए।
- गवर्नेंस के आधार पर आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत मिलने की संभावना है।
- फाइनल लिस्ट में सभी दलों के उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।
चंडीगढ़, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी (आप) के पंजाब के जनरल सेक्रेटरी बलतेज पन्नू ने सोमवार को जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के प्रति विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल झूठा प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं, क्योंकि उन्हें स्पष्ट रूप से बड़ी हार का सामना करना पड़ रहा है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए पन्नू ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हुए, जो कि पंजाब में कई दशकों में पहली बार हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस चुनाव में लोगों ने उत्साह से हिस्सा लिया और बिना किसी डर या दबाव के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल किया।
पन्नू ने कहा कि कई वर्षों के बाद, जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में लोग मतदान के लिए लंबी कतारों में खड़े हुए। यह खुद साबित करता है कि माहौल स्वतंत्र, निष्पक्ष और निडर था। मतदाता अब इन जमीनी संस्थानों के महत्व को समझ चुके हैं।
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए पन्नू ने कहा कि बूथ कैप्चरिंग, धांधली और डराने-धमकाने के उनके दावे बेबुनियाद और मनगढ़ंत थे। उन्होंने कहा कि पहले, इन्हीं पार्टियों ने आरोप लगाया था कि उम्मीदवारों को नॉमिनेशन पेपर दाखिल नहीं करने दिया गया। अब, जब फाइनल लिस्ट आ गई है, तो यह साफ दिखाता है कि सभी राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। इससे विपक्ष का झूठ बर्बाद हो गया है।
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष जानता है कि वे बुरी तरह हार रहे हैं। इसीलिए वे 17 दिसंबर को नतीजे आने से पहले अफवाहें फैलाकर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
पंजाब में लोकल बॉडी चुनावों के इतिहास का जिक्र करते हुए पन्नू ने याद दिलाया कि 2008 और 2013 के चुनावों में एसएडी-भाजपा गठबंधन के दौरान और फिर 2018 में कांग्रेस सरकार के समय बड़े पैमाने पर हिंसा, बूथ कैप्चरिंग और हत्याएं हुई थीं।
पन्नू ने कहा कि इस बार पंजाब में कहीं भी बूथ कैप्चरिंग, हिंसा, या जान-माल के नुकसान की एक भी शिकायत नहीं मिली है।
कुछ बूथों पर दोबारा वोटिंग की खबरों पर सफाई देते हुए पन्नू ने कहा कि तकनीकी कारणों से सिर्फ 16 बूथों पर चुनाव रद्द किए गए थे, जैसे कि चुनाव चिह्नों या उम्मीदवारों के नामों की गलत छपाई, हिंसा की वजह से नहीं।
उन्होंने आगे कहा कि 17 दिसंबर को जब सही आंकड़े आएंगे, तो सब देखेंगे कि प्रतिशत के हिसाब से विपक्ष को कितने वोट मिले हैं और आम आदमी पार्टी को उसकी गवर्नेंस और परफॉर्मेंस की वजह से लोगों ने कितने भारी बहुमत से वोट दिया है। विपक्ष की घबराहट साफ तौर पर लोगों के फैसले को दिखाती है।