क्या लक्ष्मीकांता चावला ने जवानों के साथ मनाया राखी का त्योहार?

सारांश
Key Takeaways
- लक्ष्मीकांता चावला का रक्षाबंधन पर जवानों के प्रति सम्मान।
- बीएसएफ जवानों की सुरक्षा के प्रति कृतज्ञता।
- 58 वर्षों से राखी बांधने की परंपरा।
- रक्षा का महत्व और देशभक्ति की भावना।
- बच्चों का जवानों के प्रति आदर।
अमृतसर, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। देशभर में रक्षाबंधन को लेकर लोगों में गहरा उत्साह देखा जा रहा है। भाजपा सरकार की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने बॉर्डर पर तैनात जवानों के साथ राखी का त्योहार मनाया। उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों की लंबी उम्र की कामना की।
अमृतसर में भाजपा सरकार की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने इस साल भी अटारी-वाघा बॉर्डर पर ड्यूटी निभा रहे और अपने परिवारों से दूर रहकर देश की रक्षा कर रहे जवानों के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाया। उन्होंने जवानों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना की। उनके साथ स्कूल की छात्राएं और समाजसेवी संस्थाओं के सदस्य भी उपस्थित रहे।
चावला पिछले 58 वर्षों से लगातार अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ जवानों को राखी बांधकर यह त्योहार मना रही हैं।
लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि वह बॉर्डर पर बीएसएफ जवानों को राखी बांधने आई हैं। वह उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करती हैं।
उन्होंने बताया, "भाई जो सरहद पर ड्यूटी निभाकर देशवासियों की सुरक्षा करते हैं और अपने घर-परिवार से दूर रहते हैं, उनके लिए हम हर साल राखी लेकर आते हैं। उनकी बदौलत आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं और चैन की नींद सोते हैं।"
उन्होंने कहा, "जब भी दुश्मन ने देश पर हमला किया, हमारे जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। राखी का त्योहार केवल भाई-बहन का पर्व नहीं, बल्कि देश प्रेम का त्योहार भी है। इसमें सिर्फ बहन भाई की रक्षा का वचन नहीं देती, बल्कि हम सभी अपने देश की रक्षा करने का भी संकल्प लेते हैं कि अपनी जान देकर भी देश की सुरक्षा करेंगे।"
भाजपा नेता ने बताया कि सभी जवान आज घरों से दूर हैं और यहाँ बहनों से राखी बंधवाकर बेहद खुश हैं। वहीं, स्कूल के बच्चों और शिक्षकों ने भी बॉर्डर पर बीएसएफ जवानों को राखी बांधकर उनका हौसला बढ़ाया।
बच्चों ने कहा कि यहाँ आकर बहुत खुशी हुई कि उन्होंने आज देश की रक्षा करने वाले जवानों की कलाई पर राखी बांधी। यह गर्व का पल है कि उनकी वजह से हम सुरक्षित हैं।