क्या पंजाब में सरदार रणजीत सिंह ढिल्लों समेत दो कांग्रेसी नेता भाजपा में शामिल हुए?
सारांश
Key Takeaways
- सरदार रणजीत सिंह ढिल्लों और एडवोकेट जगमीत ढिल्लों ने भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक बदलाव का संकेत दिया है।
- भाजपा का मानना है कि यह कदम पंजाब में विकास और स्थिरता लाएगा।
- आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ जनता में असंतोष बढ़ रहा है।
चंडीगढ़, 25 अक्तूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला है। तरनतारन के कांग्रेस के प्रमुख नेता सरदार रणजीत सिंह ढिल्लों (राणा गंदीविंड) और पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता एडवोकेट जगमीत ढिल्लों गंदीविंड ने शनिवार को भाजपा में शामिल होने की घोषणा की। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ भी उपस्थित थे।
दोनों नेताओं का भाजपा में स्वागत करते हुए तरुण चुघ ने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता और जनता के विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग अब समझ रहे हैं कि भाजपा ही वह राजनीतिक विकल्प है जो राज्य को स्थिरता, विकास और सुशासन की दिशा में आगे ले जा सकती है।
उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने कुप्रबंधन और विफल नीतियों से पंजाब को गंभीर संकट में डाल दिया है। दूसरी ओर, कांग्रेस आंतरिक कलह, भाई-भतीजावाद और दिशाहीन नेतृत्व में उलझी हुई है। ऐसे में राज्य के सच्चे जनसेवी नेता अब भाजपा के मंच को एकमात्र प्रभावी विकल्प मान रहे हैं, जहां उन्हें अपनी प्रतिबद्धता और सेवा भावना को सही दिशा देने का अवसर मिलता है।
उन्होंने कहा कि पंजाब में जब से आम आदमी पार्टी की सरकार आई है, तब से यहां की जनता परेशान है। न किसानों की कोई सुनवाई हो रही है, न ही जनता की, जिसके कारण लोग सड़क पर भी उतर रहे हैं। कुछ दिन पहले रोडवेज के कर्मचारियों ने भी अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इसके बावजूद सरकार कुछ नहीं कर रही है। आने वाले समय में जनता इसका जवाब पंजाब सरकार को देगी।
भाजपा में शामिल होने के बाद सरदार रणजीत सिंह ढिल्लों और एडवोकेट जगमीत ढिल्लों ने कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी के विजन से प्रेरित हैं और पंजाब की तरक्की के लिए पार्टी के साथ मिलकर काम करेंगे।
उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में भाजपा के नेतृत्व में पंजाब विकास, स्थिरता और समावेशी प्रगति की नई ऊंचाइयां हासिल करेगा। इस राजनीतिक घटनाक्रम को पंजाब की राजनीति में एक अहम मोड़ माना जा रहा है, जो आने वाले चुनावी समीकरणों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।