क्या पटियाला जिले में घग्गर नदी बन रही है खतरा, दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में?

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क्या पटियाला जिले में घग्गर नदी बन रही है खतरा, दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में?

सारांश

पटियाला के गांवों में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। क्या प्रशासन समय पर राहत कार्य कर पाएगा? जानें घग्गर नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण क्या हो रहा है।

Key Takeaways

  • घग्गर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।
  • बाढ़ प्रभावित गांव प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।
  • सामान्य जनजीवन पर बाढ़ का गंभीर प्रभाव पड़ा है।
  • सरकार द्वारा राहत कार्य जारी हैं।
  • स्थानीय निवासियों को नदी के किनारे से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।

पटियाला, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब भर में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासन लगातार पुख्ता इंतजाम कर रहा है, लेकिन बाढ़ का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा। वर्तमान में पटियाला जिले में सबसे बड़ा खतरा घग्गर नदी से है, जो लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

घग्गर नदी के उफान के कारण घनौर और आसपास के क्षेत्रों के कई गांवों में सैकड़ों एकड़ में खड़ी फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। लाछड़ू खुर्द, लाछड़ू कलां, चमारू, कामी कलां, जंड मगोली सहित कई गांवों के निवासी प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से बाढ़ की इस आपदा से निपटने की कोशिश में लगे हुए हैं।

गांव चमारू के लोगों का कहना है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले कई सालों से बाढ़ से बचाव के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसी वजह से हर साल उनकी सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाती है। देर शाम तक गांव से निकलने वाली सड़कों पर लगभग एक फुट तक पानी बहता रहा, जो खेतों में पहुंचकर धान की पक चुकी फसल को नुकसान पहुंचा रहा है।

लोगों में सरकार के खिलाफ भी आक्रोश देखा गया। उन्होंने कहा कि चमारू गांव की तरफ कोई भी विधायक या सरकार का नुमाइंदा नहीं आता है। जो भी नेता दूसरी तरफ आता है, वीडियो बनाकर और फोटो खींचकर चला जाता है। 20 के करीब गांव इस इलाके में हैं, जो प्रभावित हुए हैं। यहां लगातार पानी बढ़ रहा है, लेकिन प्रशासन कहीं नजर नहीं आता है।

गांववासियों ने बताया कि उन्होंने अपना जरूरी सामान, जिसमें अनाज आदि शामिल हैं, सुरक्षित और ऊंची जगहों पर रखना शुरू कर दिया है, क्योंकि पानी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।

फिलहाल, प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्यों को लेकर पूरी मुस्तैदी बरती जा रही है। गांव सराला कलां स्थित गुरुद्वारा साहिब में सेना, जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की संयुक्त टीमों ने एक कैंप स्थापित किया है, जहां से अधिकारी 24 घंटे घग्गर नदी और अन्य सहायक नालों की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

इस बीच, घग्गर नदी में उफान के बाद साहिबजादा अजीत सिंह नगर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे नदी के किनारे वाले रास्तों से दूरी बनाएं। पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "पुलिस डेराबस्सी के निवासियों से अपील करती है कि वे घग्गर नदी के किनारे वाले रास्ते से बचें, ताकि उनकी और उनके बच्चों की जान जोखिम में न पड़े।"

Point of View

NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

घग्गर नदी का जलस्तर क्यों बढ़ रहा है?
घग्गर नदी का जलस्तर लगातार बारिश के कारण बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो रहा है।
प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए क्या कदम उठा रहा है?
प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है और स्थानीय गुरुद्वारों में कैंप स्थापित किए गए हैं।
क्या ग्रामीण सुरक्षित हैं?
ग्रामीणों ने अपना जरूरी सामान ऊँची जगहों पर रख लिया है, लेकिन कई गांव अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं।