क्या पंजाब सरकार के मंत्रियों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर मुआवजा देने का ऐलान किया?

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब के 13 जिलों में बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया गया।
- सरकार ने जल्द मुआवजा राशि देने का आश्वासन दिया।
- केंद्र से बकाया सहायता की मांग की गई।
- राहत कार्यों के लिए 30 राहत कैंप स्थापित किए गए।
- बाढ़ ने कृषि को भारी नुकसान पहुँचाया है।
नांगल, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने शनिवार को आनंदपुर साहिब विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ से प्रभावित गांवों का दौरा किया। दोनों नेताओं ने भारी बारिश और बाढ़ से बर्बाद हुए गांवों का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित लोगों को शीघ्र मुआवजा राशि देने का ऐलान किया।
पंजाब की बाढ़ ने १३ जिलों के १४०० से अधिक गांवों को प्रभावित किया, जिसमें लाखों लोग शामिल हैं। हरपाल सिंह चीमा ने पत्रकारों से बात करते हुए केंद्र सरकार पर तीखा आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार लोगों की लाशों पर राजनीति कर रही है। भाजपा बाढ़ और मौतों का लाभ उठा रही है।"
उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित १६०० करोड़ रुपए की राहत राशि को 'नगण्य' बताते हुए कहा कि पंजाब ने केंद्र से २०,००० करोड़ रुपए की मांग की थी, लेकिन केवल एक छोटा हिस्सा प्राप्त हुआ। चीमा ने बकाया ८०,००० करोड़ रुपए की एसडीआरएफ, जीएसटी और अन्य फंड की तात्कालिक रिलीज की मांग की, ताकि यह राशि बाढ़ प्रभावित लोगों के कल्याण पर खर्च हो सके।
मंत्री चीमा ने कहा, "राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उचित मुआवजे का अनुमान तुरंत तैयार किया जा रहा है।" उन्होंने बताया कि बाढ़ ने कृषि को भारी नुकसान पहुंचाया है, गांवों का संपर्क कट गया, बिजली गुल हो गई, और लोग कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। चीमा ने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि अगर भाजपा को पंजाब की जनता की सच्ची चिंता है, तो बकाया राशि तुरंत जारी करे।
हरजोत सिंह बैंस ने बाढ़ के दौरान 'ऑपरेशन राहत' का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने टूटी सड़कों की मरम्मत, बिजली बहाली और नावों की मरम्मत से २०० से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला। आनंदपुर साहिब में ३० से अधिक राहत कैंप स्थापित किए गए हैं, जहां भोजन, चिकित्सा और आश्रय की व्यवस्था है।
उन्होंने भाखड़ा बांध के निकट के गांवों को बचाने में राज्य सरकार के निवेश की सराहना की, जिससे रोपड़ जिले को बड़े नुकसान से बचाया गया।