क्या पंजाब सरकार लाएगी नया कानून, पवित्र ग्रंथों की बेअदबी पर लगेगी रोक?

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब में बेअदबी को रोकने के लिए सख्त कानून लाया जाएगा।
- कानून में धार्मिक संगठनों के सुझावों को शामिल किया जाएगा।
- दोषियों को कठोर सजा दिलाने की प्रतिबद्धता।
- मुख्यमंत्री ने मौजूदा कानूनी खामियों पर चिंता जताई।
- कानून जल्द लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
चंडीगढ़, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर अधिकारियों और सर्वधर्म बेअदबी रोकथाम कानून मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने कहा कि पंजाब, महापुरुषों, संतों और पैगंबरों की पवित्र भूमि है, जिन्होंने समस्त मानवता को आपसी प्रेम और सहनशीलता का मार्ग दिखाया है।
सीएम मान ने यह भी बताया कि राज्य सरकार पवित्र ग्रंथों की बेअदबी से संबंधित मामलों में सख्त दंड सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी कानून लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि पंजाब समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सौहार्द, शांति और भाईचारे का प्रतीक है। भगवंत मान ने पुनः स्पष्ट किया कि राज्य सरकार बेअदबी की घटनाओं के अपराधियों को कठोर सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ठोस कानून के निर्माण के लिए सरकार कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेगी, ताकि अपराधियों को दंडित किया जा सके। उन्होंने वर्तमान कानूनी खामियों पर चिंता जताई, जो इस प्रकार के गंभीर अपराधों के दोषियों को स्वतंत्रता देती हैं। इसे उन्होंने पूरी तरह से गलत और अस्वीकार्य बताया।
न्याय सुनिश्चित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट करते हुए भगवंत मान ने कहा कि इन बेअदबी की घटनाओं में किसी भी तरह से शामिल व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य सरकार का कर्तव्य है कि ऐसे अपराधों में शामिल व्यक्तियों को उनके कुकर्मों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए। राज्य सरकार कानून का प्रारूप तैयार करने के लिए धार्मिक संगठनों सहित सभी पक्षों से परामर्श करेगी और उनके सुझावों को कानून में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में धार्मिक स्थलों के लिए स्पष्ट प्रावधान हैं, लेकिन पवित्र ग्रंथों की बेअदबी के मामले में कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि चूंकि यह विषय समवर्ती सूची के अंतर्गत आता है, इसलिए राज्य को ऐसा कानून बनाने का अधिकार है और इसके लिए कानूनी सलाह ली जाएगी। भगवंत मान ने कहा कि आम जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा और इस मुद्दे पर जल्दी ही कैबिनेट बैठक भी बुलाई जाएगी।