क्या पंजाब विश्वविद्यालय सीनेट चुनाव की घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष की शानदार जीत है?
सारांश
Key Takeaways
- पंजाब विश्वविद्यालय में सीनेट चुनाव की तिथियों की घोषणा हुई है।
- कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे छात्रों की जीत बताया है।
- सीनेट में 91 सदस्य होते हैं, जिनमें से 49 सीटों के लिए चुनाव होंगे।
- इस निर्णय ने विश्वविद्यालय के छात्रों के संघर्ष को मान्यता दी है।
- भारत के उपराष्ट्रपति ने चुनाव कार्यक्रम को मंजूरी दी है।
चंडीगढ़, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय में लगातार विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक बयानबाजी के बाद, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और भारत के उपराष्ट्रपति ने सीनेट चुनाव की तिथियों को स्वीकृति दे दी है।
पंजाब विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव 9 सितंबर से 4 अक्टूबर 2026 के बीच आयोजित किए जाएंगे। छात्रों और नागरिकों ने चुनाव प्रणाली को बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।
केंद्र ने पहले पीयू की सीनेट में सुधार करने का प्रयास किया था, जिसमें सदस्यता कम करने और विभिन्न श्रेणियों के चुनाव समाप्त करने का प्रस्ताव था। इसके खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे। लेकिन अब अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चुनाव कार्यक्रम को उपराष्ट्रपति और कुलाधिपति सी. पी. राधाकृष्णन ने मंजूरी दी है।
कांग्रेस पंजाब के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय सीनेट चुनाव की घोषणा छात्रों और हर पंजाबी की एक महत्वपूर्ण जीत है। आपके संघर्ष ने सरकार को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है। पंजाब ने स्पष्ट कर दिया है कि हम चुप नहीं बैठेंगे।
पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर रेणु विग ने कहा कि चुनावों को मंजूरी देने के लिए उपराष्ट्रपति और कुलाधिपति का आभार। यह निर्णय सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। पंजाब विश्वविद्यालय प्रशासन हमेशा अपने छात्रों और शिक्षकों के साथ खड़ा रहेगा।
सीनेट में 91 सदस्य होते हैं और 49 सीटों के लिए चुनाव होते हैं। पिछली सीनेट का कार्यकाल 31 अक्टूबर 2024 को समाप्त हुआ था।