क्या पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ से पूर्व सीएम नवीन पटनायक दुखी हैं?

सारांश
Key Takeaways
- भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की जान गई।
- प्रशासन की विफलता के कारण भीड़ का प्रबंधन नहीं किया गया।
- घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की गई।
- पूर्व सीएम ने सुधारात्मक उपायों की मांग की।
- स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन को सक्रिय होना चाहिए।
भुवनेश्वर, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रविवार को पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान गुंडिचा मंदिर के निकट हुई भगदड़ की दुखद घटना में हताहत हुए व्यक्तियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी प्रार्थना की।
पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, "मैं पुरी के सारधाबली में हुई इस दुखद भगदड़ में अपनी जान गंवाने वाले तीन श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और इस भयानक दुर्घटना में घायल हुए भक्तों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।"
उन्होंने कहा कि रथयात्रा के दौरान हुई भगदड़ प्रबंधन की गंभीर विफलता को दर्शाती है। यह श्रद्धालुओं के लिए शांतिपूर्ण उत्सव सुनिश्चित करने में सरकार की अक्षमता को उजागर करती है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बढ़ती भीड़ को प्रबंधित करने के लिए कोई सरकारी तंत्र मौजूद नहीं था, जो एक बड़ी चूक को दर्शाता है।
उन्होंने आगे कहा, "हालांकि मैं सरकार पर आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाने से बचता हूं, लेकिन उनकी गंभीर लापरवाही ने इस त्रासदी में योगदान दिया है। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह अडापा बिजे, बाहुदा, सुना बेशा और अन्य प्रमुख रथयात्रा अनुष्ठानों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय करे।"
पुरी जगन्नाथ मंदिर के वरिष्ठ दैतापति सेवक (सेवायत) रामकृष्ण दास महापात्रा ने कहा कि मैंने सुना है कि कुछ लोग मर गए हैं, यह दुखद समाचार है। ऐसा पहली बार हुआ है। मैं प्रशासन से अपील करता हूं कि वे उचित इंतजाम करें ताकि लोगों को कोई असुविधा न हो।
वकील शरत कुमार राय ने कहा कि यह एक अत्यंत संवेदनशील और दुखद घटना है। आज की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।
पंडित पद्मनाभ त्रिपाठी ने कहा कि निश्चित रूप से यह एक दुखद घटना है। भगवान जगन्नाथ महाप्रभु के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। मुझे लगता है कि इस घटना का कारण अत्यधिक भीड़ ही है।