क्या राघव चड्ढा ने '10 मिनट डिलीवरी' कल्चर खत्म करने की मांग की?

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क्या राघव चड्ढा ने '10 मिनट डिलीवरी' कल्चर खत्म करने की मांग की?

सारांश

राज्यसभा में राघव चड्ढा ने गिग वर्कर्स की सुरक्षा और 10 मिनट डिलीवरी मॉडल की समाप्ति पर जोर दिया। उन्होंने सरकार से ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। जानें उनकी महत्वपूर्ण बातें।

Key Takeaways

  • गिग वर्कर्स की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया।
  • 10 मिनट डिलीवरी मॉडल की समाप्ति की मांग की गई।
  • सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राज्यसभा में शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने शून्यकाल के दौरान गिग वर्कर्स की सुरक्षा और उनकी गंभीर स्थिति का मुद्दा उठाया। चड्ढा ने सरकार से अनुरोध किया कि डिलीवरी बॉयज और अन्य गिग वर्कर्स की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं और कंपनियों द्वारा लागू किए गए 10 मिनट डिलीवरी मॉडल को समाप्त किया जाए।

उन्होंने कहा कि जोमैटो, स्विगी, ब्लिंकिट और जेप्टो जैसे प्लेटफार्मों के डिलीवरी पार्टनर्स और अर्बन कंपनी के सर्विस प्रोवाइडर्स वास्तव में भारतीय अर्थव्यवस्था के अदृश्य पहिए हैं, लेकिन इन कंपनियों के अरबों डॉलर के मूल्यांकन का आधार इन मेहनतकश लोगों की टूटती हुई कमर और जोखिम भरी जिंदगी है।

राघव चड्ढा ने कहा, "जब हम अपने फोन पर बटन दबाते हैं और हमें मैसेज मिलता है-'आपका ऑर्डर रास्ते में है,' 'आपकी राइड आ गई है,' तो इसके पीछे एक इंसान होता है जो समय पर पहुंचने के लिए रेड सिग्नल को पार करता है। तेज रफ्तार में बाइक चलाता है। यदि एक मिनट की देरी होती है तो उसकी रेटिंग घटती है, इंसेंटिव कट जाता है या कई बार उसकी आईडी तक ब्लॉक कर दी जाती है।"

चड्ढा ने सदन में तीन मुख्य समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया।

10 मिनट डिलीवरी मॉडल के कारण राइडर्स अपनी जान जोखिम में डालकर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं ताकि खराब रेटिंग और ग्राहक की शिकायतों से बच सकें।

वर्कर्स 12-14 घंटे तक भयानक गर्मी, ठंड, प्रदूषण और बारिश में बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम करते हैं।

सोशल सिक्योरिटी जैसे न स्थायी नौकरी, न ठीक बीमा, न मेडिकल सुरक्षा, न ही भविष्य की कोई गारंटी, ये सब मिलकर इन्हें असुरक्षित और मजबूर बनाते हैं।

राघव चड्ढा ने कहा, "ये लोग रोबोट नहीं हैं। ये किसी के पिता हैं, किसी के पति हैं, किसी के भाई और किसी के बेटे हैं। ये अपना दर्द छिपाकर मुस्कुराते हुए आपका पार्सल देते हैं और कहते हैं, 'सर, कृपया पांच सितारा रेटिंग दे देना।'

उन्होंने संसद से अपील की कि कम से कम 10 मिनट डिलीवरी के दबाव पर गंभीर चर्चा हो और गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा देने पर विचार किया जाए।

अंत में उन्होंने कहा, "देश इन मौन योद्धाओं की मेहनत पर चलता है। हमें इनकी गरिमा, सुरक्षा और उचित भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए।"

सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर भी उन्होंने लिखा, "आज संसद में, मैंने जोमैटो और स्विगी डिलीवरी बॉयज, ब्लिंकिट और जेप्टो राइडर्स, ओला और उबर ड्राइवरों, अर्बन कंपनी के प्लंबर और टेक्नीशियन के बारे में बात की। उन्हें इज्जत, सुरक्षा और सही सैलरी मिलनी चाहिए।

Point of View

बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें उनकी मेहनत और संघर्ष को समझना होगा।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

गिग वर्कर्स की स्थिति क्या है?
गिग वर्कर्स की स्थिति अत्यंत खराब है, उन्हें न तो स्थायी नौकरी मिलती है और न ही सामाजिक सुरक्षा।
10 मिनट डिलीवरी मॉडल का क्या प्रभाव है?
यह मॉडल गिग वर्कर्स को जोखिम में डालता है, क्योंकि उन्हें समय पर पहुंचने के लिए ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना पड़ता है।
सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए?
सरकार को गिग वर्कर्स की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए।
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