क्या सभी नागरिकों को हर साल हेल्थ चेकअप का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए?

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क्या सभी नागरिकों को हर साल हेल्थ चेकअप का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए?

सारांश

आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने सरकार से हर नागरिक के लिए स्वास्थ्य जांच का कानूनी अधिकार देने की मांग की है। उनका कहना है कि इससे समय पर बीमारियों का पता लगाकर जानें बचाई जा सकती हैं। यह आवश्यक है कि सभी को नियमित चेकअप की सुविधा मिले।

Key Takeaways

  • स्वास्थ्य जांच का कानूनी अधिकार सभी नागरिकों के लिए आवश्यक है।
  • समय पर बीमारियों का पता लगाने से जानें बचाई जा सकती हैं
  • विकसित देशों की तरह भारत में भी मुफ्त चेकअप की सुविधा होनी चाहिए।
  • नियमित जांच से गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है।
  • स्वास्थ्य सेवाएं सभी के लिए उपलब्ध होनी चाहिए।

नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने सरकार से यह अपील की है कि हर एक नागरिक को हर वर्ष स्वास्थ्य जांच का कानूनी अधिकार प्रदान किया जाए।

राज्यसभा के मानसून सत्र में राघव चड्ढा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद देश में दिल के दौरे और अन्य बीमारियों के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मैंने संसद में यह मांग रखी कि हर नागरिक को हर साल हेल्थ चेकअप कराने का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए।"

"कोविड के बाद दिल की बीमारियां और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बहुत बढ़ गई हैं। अगर बीमारियों का समय रहते पता चल जाए, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।"

उन्होंने कहा कि कई विकसित देशों में अपने नागरिकों को हर साल मुफ्त हेल्थ चेकअप की सुविधा दी जाती है, जिसका खर्च सरकार उठाती है। फिर भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता?

राघव चड्ढा ने कहा, "इलाज और स्वास्थ्य सेवाएं केवल अमीरों के लिए नहीं होनी चाहिए। सभी व्यक्तियों को नियमित जांच की सुविधा मिलनी चाहिए, चाहे वे गरीब हों या अमीर।"

उन्होंने एक नारा दिया—"जांच है तो जान है।"

उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब हाल ही में कई युवा और स्वस्थ दिखने वाले व्यक्तियों में भी अचानक दिल का दौरा, स्ट्रोक और अन्य गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा है।

हर साल होने वाली 70 प्रतिशत से अधिक मौतें दिल से जुड़ी बीमारियों, कैंसर, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और फेफड़ों की बीमारी जैसी गैर-संचारी बीमारियों के कारण होती हैं।

यदि इन बीमारियों की नियमित जांच की जाए, तो देश की स्वास्थ्य समस्याओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।

सरकार ने इस साल की शुरुआत में एक राष्ट्रव्यापी एनसीडी जांच अभियान शुरू किया था, जिसका उद्देश्य डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के साथ-साथ ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर जैसे गैर-संचारी रोगों की जांच करना है। यह जांच अभियान आयुष्मान आरोग्य मंदिर और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर चलाया गया और इसने अपने 89.7 प्रतिशत लक्ष्य को भी पूरा किया।

Point of View

यह मांग अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य जांच का कानूनी अधिकार सभी नागरिकों को मिलना चाहिए। इससे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि समय पर बीमारियों का पता लगाकर कई जानें भी बचाई जा सकेंगी। यह एक न्यायसंगत और समावेशी समाज की दिशा में एक कदम है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या हर नागरिक को साल में एक बार हेल्थ चेकअप का अधिकार मिलना चाहिए?
हाँ, यह नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और इससे कई जानें बचाई जा सकती हैं।
कोविड-19 के बाद हेल्थ चेकअप की आवश्यकता क्यों बढ़ गई है?
कोविड-19 के बाद दिल की बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि हुई है, जिससे नियमित जांच की आवश्यकता बढ़ गई है।