क्या रघुवर दास झारखंड भाजपा के अध्यक्ष बन सकते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- रघुवर दास की सक्रियता पार्टी के लिए नई दिशा ला सकती है।
- झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को नई लीडरशिप की जरूरत है।
- बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा गया है।
रांची, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के राज्यपाल की कुर्सी छोड़कर सक्रिय राजनीति में लौटे रघुवर दास को झारखंड प्रदेश भाजपा का नया अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। वर्ष 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद पार्टी में नए नेतृत्व की चर्चा तेज हो गई थी, और अब इसे एक दिशा मिलने की संभावना है।
पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद रविवार सुबह वह दुमका पहुंचे, जहां सर्किट हाउस में रघुवर दास के साथ उनकी बैठक हुई। इन दोनों मुलाकातों को पार्टी में संगठनात्मक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बाबूलाल मरांडी ने इन मुलाकातों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की और लिखा, "नई दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री आदरणीय अमित शाह से मुलाकात हुई। इस दौरान प्रदेश एवं संगठन से जुड़े विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा हुई।"
दिल्ली से लौटने के बाद, मरांडी ने रविवार को इंटरसिटी ट्रेन से रांची से दुमका पहुंचे और रघुवर दास से मुलाकात की।
इस बैठक में रघुवर दास से पार्टी के संगठनात्मक कार्यों पर चर्चा की गई। वह पिछले दो दिनों से संथाल परगना में सीएम हेमंत सोरेन के इलाके में सक्रिय हैं। उन्होंने रविवार को हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट में "जन चौपाल" भी आयोजित की। वह पिछले दो महीने से राज्य के विभिन्न इलाकों का दौरा कर पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं और आमजन से मिल रहे हैं।
इन दौरे को राज्य में पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं और समर्थकों को एकजुट करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से संकेत मिलने के बाद ही रघुवर दास ने इस तरह की सक्रियता दिखाई है।
भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को हाल में संपन्न विधानसभा के बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा गया है। यह तय है कि वह अध्यक्ष पद के साथ दायित्व नहीं संभालेंगे। अब रघुवर दास को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की तैयारी हो रही है। वह इससे पहले भी दो बार झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी पहचान राज्य में एक प्रमुख ओबीसी लीडर के रूप में रही है। वह राज्य के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं जिन्होंने झारखंड में वर्ष 2014 से 2019 तक पूरे पांच वर्षों तक भाजपा की सरकार चलाई।