क्या राहुल गांधी के पास चुनाव आयोग में हेराफेरी के पुख्ता प्रमाण हैं?

Click to start listening
क्या राहुल गांधी के पास चुनाव आयोग में हेराफेरी के पुख्ता प्रमाण हैं?

सारांश

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाया है कि उनके पास मतदाता सूची में गड़बड़ी के पुख्ता सबूत हैं। इस आरोप ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। क्या ये सबूत सच में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं?

Key Takeaways

  • राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए।
  • कांग्रेस ने 6 महीने की जांच में 1.5 लाख फर्जी नामों का पता लगाया।
  • राजनीति में गड़बड़ी के संकेत मिल रहे हैं।
  • चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
  • यह धांधली नहीं, बल्कि देशद्रोह हो सकता है।

नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को 'वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव' में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अब एक स्वतंत्र संस्था नहीं रह गई है और हमारे पास यह साबित करने के लिए पक्के सबूत हैं कि चुनावों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं।

इस कार्यक्रम का विषय था 'संवैधानिक चुनौतियां – दृष्टिकोण और रास्ते,' जिसमें लगभग 1,500 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कई वकील शामिल थे।

राहुल गांधी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास अब "पूरे देश को दिखाने लायक सबूत" हैं, जो यह साबित करते हैं कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है और चुनाव आयोग की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध रही है।

उन्होंने कहा, "मेरे सहयोगी पहले कहते थे कि हां, कुछ गड़बड़ी हुई है, लेकिन हमारे पास कोई प्रमाण नहीं है। अब मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हमारे पास प्रमाण है।"

राहुल गांधी ने बताया कि पार्टी ने 6 महीने तक एक जांच अभियान चलाया, जिसमें चुनाव आयोग से मिली बूथवार मतदाता सूचियों का विश्लेषण किया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर ऐसी मतदाता सूचियां दीं जिन्हें स्कैन या कॉपी करना संभव नहीं था। उन्होंने सवाल उठाया, "आखिर चुनाव आयोग मतदाता सूची को इस तरह क्यों सुरक्षित रखना चाहता है?"

उनकी टीम ने 6.5 लाख मतदाताओं की तस्वीरें और नाम एक-एक कर मिलाए, जिसमें 1.5 लाख फर्जी नाम पाए गए।

राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें 2014 से चुनावों में गड़बड़ी की आशंका थी, लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की अचानक हार के बाद उन्हें शक और पुख्ता हो गया।

उन्होंने कहा, "तीन मजबूत दल अचानक गायब हो गए। तब मुझे यकीन हुआ कि कुछ न कुछ गड़बड़ है।"

उन्होंने आगे कहा, "हमें पहले गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश में गड़बड़ी के संकेत मिले थे, लेकिन अब हमारे पास दस्तावेजी सबूत हैं।"

राहुल गांधी ने यह भी कहा, "यह सिर्फ धांधली नहीं, बल्कि देशद्रोह है। और हम इसमें शामिल लोगों को ढूंढ निकालेंगे।"

उन्होंने कानूनी समुदाय से आह्वान किया कि उनके द्वारा निर्मित संवैधानिक ढांचे को ध्वस्त किया जा रहा है। कुछ चीजें खुलकर हो रही हैं, तो कुछ छिपकर।

राहुल गांधी के ये बयान उस समय आए हैं जब बिहार में मतदाता सूची में अनियमितताओं और एसआईआर प्रक्रिया को लेकर विवाद चल रहा है।

Point of View

तो यह न केवल चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को प्रभावित करेगा, बल्कि लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को भी चुनौती देगा। हमें इस मुद्दे पर गहराई से विचार करना चाहिए।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर क्या आरोप लगाए?
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अब स्वतंत्र नहीं रह गया है और उनके पास मतदाता सूची में गड़बड़ी के पुख्ता सबूत हैं।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर क्या कदम उठाए हैं?
कांग्रेस ने 6 महीने की जांच के बाद 1.5 लाख फर्जी नामों का पता लगाया है और इस पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है।
क्या राहुल गांधी के दावे सही हैं?
यह कहना मुश्किल है। लेकिन अगर उनके दावे सत्य हैं, तो यह चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को चुनौती देगा।
क्या चुनाव आयोग ने इस पर कोई प्रतिक्रिया दी है?
चुनाव आयोग की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
इस विवाद का क्या असर होगा?
अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह चुनावी प्रक्रिया और लोकतंत्र पर गहरा असर डाल सकता है।