क्या राहुल गांधी ने 'जनता दरबार' के बाद दिशा बैठक में मनोज पांडेय के बहिष्कार को नजरअंदाज किया?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से संवाद किया।
- मनोज पांडेय ने बहिष्कार किया।
- बैठक में योगी सरकार के मंत्री भी शामिल थे।
- जनता दरबार में समस्याएं सुनी गईं।
- राजनीतिक मतभेदों को दर्शाता है यह घटना।
रायबरेली, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने रायबरेली के ऊंचाहार में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बातचीत के बाद दिशा की बैठक में हिस्सा लिया। उनका स्वागत जिलाधिकारी हर्षिता माथुर और एसपी यशवीर सिंह ने किया।
दिशा की बैठक में यूपी सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश सिंह, सपा से निष्कासित विधायक मनोज पांडेय और विधायक अदिति सिंह भी उपस्थित रहे।
बैठक की शुरुआत होते ही मनोज पांडेय ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणियों को लेकर निंदा प्रस्ताव प्रस्तुत किया और राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की।
हालांकि, राहुल गांधी द्वारा मना किए जाने पर उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
बैठक के बहिष्कार के बाद मनोज पांडेय ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि राहुल गांधी लगातार सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि राहुल गांधी ने कौन से विकास कार्य किए हैं और इसकी जानकारी सार्वजनिक की जानी चाहिए।
इससे पूर्व बुधवार को इसी मुद्दे पर योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने भी राहुल गांधी के काफिले को रोकने की कोशिश की थी।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने रायबरेली दौरे के दूसरे दिन ऊंचाहार स्थित एनटीपीसी गेस्ट हाउस में जनता दरबार का आयोजन किया, जहां उन्होंने कई लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान एक दिव्यांग भाई ट्राइसाइकिल की मांग लेकर उनसे मिलने पहुंचा।