क्या मैं भारत-पाक का मैच नहीं देख सकता? एशिया कप पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान

सारांश
Key Takeaways
- भारत-पाक मैच का बहिष्कार करना वारिस पठान का निर्णय है।
- आतंकी गतिविधियों के कारण संबंधों में तनाव है।
- बीसीसीआई की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।
- सरकार को सख्त नीति अपनाने की आवश्यकता है।
- राष्ट्रीय भावनाओं को ध्यान में रखना आवश्यक है।
मुंबई, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच १४ सितंबर को होने वाले क्रिकेट मैच पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जब हमने पाकिस्तान के साथ सभी संबंध तोड़ दिए हैं और उन्हें सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ब्लॉक कर दिया है, तो फिर हम टूर्नामेंट में उनके खिलाफ मैच क्यों खेलें? उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इस मैच का बहिष्कार करते हैं और १४ सितंबर को यह मैच नहीं देखेंगे।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से हमारे देश में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता रहा है। २६/११ के हमलों और पहलगाम में बेकसूर लोगों की हत्या के उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह सब धर्म के आधार पर किया गया। भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान में घुसकर ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। भारत से सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल विदेश गया और पाकिस्तान की आतंकवादी सोच को वैश्विक मंचों पर उजागर किया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऑपरेशन महादेव भी हुआ। ये सभी घटनाएं भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। इसके बाद हम मैच कैसे खेल सकते हैं?
उन्होंने कहा, "हमने पाकिस्तान के साथ सभी संबंध तोड़ दिए हैं और उनके कलाकारों के सोशल मीडिया हैंडल को भारत में बैन किया है, तो फिर हम टूर्नामेंट में उनके खिलाफ मैच क्यों खेलें? भारत-पाकिस्तान के साथ मैच क्यों खेलना? क्या यह सही है? हम उन बहनों को क्या जवाब देंगे, जिनका सिंदूर उजाड़ा गया? हमारे खिलाड़ी दुश्मन देश के साथ क्रिकेट कैसे खेल सकते हैं? क्या वे दुश्मन देश के साथ मैदान पर टॉस उड़ाएंगे और एक-दूसरे के साथ हाथ मिलाएंगे? क्या उनका जमीर गवाही देगा?"
उन्होंने आगे कहा, 'बीसीसीआई सिर्फ पैसे के लिए यह मैच करा रहा है। भारत के ९० प्रतिशत लोगों को ठेस पहुंची है; लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है। मैं इस मैच का बहिष्कार करूंगा और इसे नहीं देखूंगा।
वारिस पठान ने कहा कि सरकार को सख्त नीति अपनानी चाहिए। अगर हम मैच नहीं खेलेंगे तो कौन सा पहाड़ टूट जाएगा? जब सारे रिश्ते तोड़ दिए हैं और सोशल मीडिया हैंडल पर पाबंदी लगा दी है, तो टूर्नामेंट क्यों खेलना? सरकार को भारत के लोगों की भावनाओं की परवाह तो होनी चाहिए। पाकिस्तान बार-बार गलती करता है, फिर भी हम उनके साथ खेलते हैं, हम क्या जवाब देंगे उन बहनों को, जिनका सिंदूर उजड़ गया?
शिवाजी नगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर सेंट मैरी के नाम पर रखने पर एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कहा कर्नाटक में सरकार किसकी है। शिवाजी महाराज, जिनका देश और दुनिया भर में सम्मान था, उनके नाम पर एक स्टेशन का नाम रखा गया था। अगर शिवाजी नगर हटाया जाता है, तो राज्य की जनता देख रही है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि क्या नाम बदलने से कर्नाटक में विकास हो जाएगा।
पीएम मोदी की ओर से संघ प्रमुख मोहन भागवत के जन्मदिन पर किए गए पोस्ट पर वारिस पठान ने कहा कि देश देख रहा है कि क्या हो रहा है।