क्या राहुल गांधी का राजनीतिक पर्यटन देश तो कभी विदेश में होता है?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी की मलेशिया यात्रा ने राजनीतिक विवाद खड़ा किया है।
- मुख्तार अब्बास नकवी ने यात्रा की प्रासंगिकता पर सवाल उठाए।
- राजनीतिक पर्यटन के पीछे की सोच पर चर्चा की जा रही है।
- कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक संघर्ष तेज हो गया है।
- राष्ट्रीय हितों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की हालिया मलेशिया यात्रा ने राजनीतिक विरोधियों की तीखी आलोचना का सामना किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इस यात्रा के समय और उद्देश्य को लेकर सवाल उठाए।
मुख्तार अब्बास नकवी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान इसे राहुल गांधी के 'राजनीतिक पर्यटन' का एक और उदाहरण बताया। उन्होंने यात्रा की प्रासंगिकता और समय दोनों पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, "उनका राजनीतिक पर्यटन कभी देश के भीतर होता है, कभी विदेश में। जब वह भारत में होते हैं, तो वह बमों को निष्क्रिय करने और बंदूकों को फेंकने की बात करते हैं और दावा करते हैं कि वह इनसे चमत्कार कर देंगे। वह विदेश में क्या करने की योजना बना रहे हैं, यह केवल वही जानते हैं। हम उनकी अच्छी सेहत की कामना करते हैं और आशा करते हैं कि इस राजनीतिक पर्यटन का यह दौर उन्हें कुछ सद्बुद्धि देगा।"
मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रधानमंत्री पर की गई विवादित टिप्पणी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 'इंडिया फर्स्ट' के सिद्धांत के साथ देश के लोगों के हितों को प्राथमिकता देते हैं। इसको लेकर भ्रम पैदा करने का काम किया जा रहा है। आप ऐसे में सफल नहीं होंगे, बल्कि भ्रम फैलाकर खुद का नुकसान कर रहे हैं।
नकवी ने तृणमूल कांग्रेस विधायक के बयान की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह घुसपैठियों के संरक्षण की जो जमात है, वह राष्ट्रीय हितों से ज्यादा घुसपैठ के हितों पर चिंतित रहती है। क्या कोई भी देश घुसपैठ की बेहताशा जनसंख्या विस्फोट को बर्दाश्त कर सकता है? देश के सामने यह चुनौती वर्षों से है। सरकार अगर कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई कर रही है तो इसका विरोध किया जा रहा है। इस तरह की सनक और सियासत से उस पार्टी को नुकसान होना तय है।