क्या राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर आरोपों ने सियासी हलचल बढ़ा दी?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के आरोपों ने सियासी चर्चा को बढ़ावा दिया है।
- विवेक तन्खा ने वोटर लिस्ट की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
- जुएल ओराम ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।
- इस विवाद का लोकतंत्र पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है।
- सभी राजनीतिक दलों को अपनी राय रखने का हक होना चाहिए।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों ने सियासी गलियारे में गहमागहमी बढ़ा दी है। इस पर कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा और केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
विवेक तन्खा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि एक समय चुनाव आयोग ने मुझे बताया था कि हम आपको प्रजातंत्र का भागीदार मानते हैं। वोटर लिस्ट को स्वच्छ करने में आपकी मदद चाहिए। अगर कोई त्रुटि है तो हमें बताएं, हम इसे सुधारेंगे। उनका कहना था कि वोटर लिस्ट में चुनाव आयोग से ज्यादा राजनीतिक दलों की दिलचस्पी होती है, लेकिन अगर राजनीतिक दलों को वोटर लिस्ट की जांच करने की अनुमति नहीं दी जाती, तो यह अनुचित है।
तन्खा ने आगे कहा कि राहुल गांधी ही नहीं, बल्कि देश के सभी वोटर्स और नागरिकों को आपत्ति है। देश आपकी (चुनाव आयोग) प्रक्रिया को स्वीकार नहीं कर रहा है। यह प्रजातंत्र के लिए हानिकारक है। चुनाव आयोग को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने राहुल गांधी के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि हर बूथ पर बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) होते हैं और सभी राजनीतिक दलों का एजेंट भी वहां मौजूद रहता है। यदि किसी बूथ पर कोई गलती हुई है तो वहाँ के बीएलओ ही उसे बता सकते हैं। ओराम ने कहा कि राहुल गांधी का आरोप निराधार और राजनीतिक है।
ज्ञात हो कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आयोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर चुनावों में हेराफेरी कर रहा है और लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि हमारे संविधान की नींव 'एक व्यक्ति, एक वोट' के सिद्धांत पर टिकी है। इसलिए जब चुनाव होते हैं तो सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या सही लोगों को वोट डालने की अनुमति मिल रही है? क्या वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े जा रहे हैं? क्या वोटर लिस्ट सटीक है?