क्या राहुल गांधी को जननायक कहना 'जननायक' का अपमान है? : नितिन नबीन

सारांश
Key Takeaways
- जननायक उपाधि का सम्मान रखना चाहिए।
- राजनीतिक मर्यादा का पालन जरूरी है।
- पटना मेट्रो बिहार की प्रगति का प्रतीक है।
- जनता से जुड़ाव रखने वाले ही जननायक कहलाते हैं।
- राजनीति में सीमाओं का ध्यान रखना चाहिए।
पटना, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेताओं द्वारा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को जननायक बताए जाने पर भाजपा ने इसे जननायक का अपमान करार दिया है। बिहार के मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन नबीन ने कहा कि राहुल गांधी को जननायक कहना कहीं से भी उचित नहीं है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को जननायक माना जाता है।
नितिन नबीन ने कहा कि ये लोग बार-बार यह कहते रहे हैं कि जननायक का अपमान नहीं होना चाहिए। केवल वही लोग जिन्हें जनता से जुड़ने का अनुभव हो, उन्हें जननायक कहा जाता है। हर किसी को जननायक की उपाधि नहीं दी जा सकती।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जिसका जनता से कोई जुड़ाव नहीं है, उसे जननायक कहना वास्तव में जननायक का अपमान है।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर किए गए बयानों पर मंत्री नितिन नबीन ने कहा कि राजनीतिक मर्यादा और सीमाएं पार नहीं करनी चाहिए। तेजस्वी यादव के संस्कार और उनके कार्यों पर हम टिप्पणी नहीं करना चाहते।
नीतीश कुमार की छवि यह है कि उन्होंने 20 वर्षों तक बिहार की सेवा की है। उनकी क्या छवि है, यह बिहार की जनता जानती है।
पटना मेट्रो की शुरुआत पर मंत्री ने कहा कि यह बिहार की प्रगति का नया अध्याय है। पटना मेट्रो का शुभारंभ केवल एक परिवहन परियोजना नहीं, बल्कि बिहार की बदलती तस्वीर और उभरती संभावनाओं का प्रतीक है। यह परियोजना राजधानी की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ साथ आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय प्रगति का नया मार्ग प्रशस्त करेगी। तेज, सुलभ और हरित परिवहन से सामान्य नागरिकों के जीवन में सुविधा और समय की बचत होगी, जबकि व्यापार, रोजगार और निवेश के नए द्वार भी खुलेंगे।
उन्होंने कहा, "यह मेट्रो लाइन केवल पटना की सीमाओं तक सीमित नहीं है, यह बिहार की प्रगति, आत्मनिर्भरता और आधुनिकता की नई पहचान बनने जा रही है।"