क्या राहुल-तेजस्वी के पास संस्कार और संस्कृति का ख्याल नहीं है?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर भाजपा का गंभीर आरोप।
- संस्कार और संस्कृति का अभाव दर्शाने वाली टिप्पणियाँ।
- आने वाले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की स्थिति पर सवाल।
पटना, ३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल शर्मा ने बुधवार को कहा कि बिहार की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमर्यादित टिप्पणी से यहां के लोग मर्माहत हैं। आश्चर्य है कि इस घटना को लेकर अब तक कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने खेद तक व्यक्त नहीं किया, यह दर्शाता है कि इनके पास न संस्कार है और न संस्कृति का ख्याल है।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन को इस घटना की कीमत चुकानी पड़ेगी। वैसे, राहुल गांधी से खेद की उम्मीद भी नहीं है क्योंकि इससे पहले भी उन्होंने देश के पीएम के लिए तू-तड़ाक की भाषा बोली है।
उन्होंने आगे कहा, "आने वाले विधानसभा चुनाव में जंगलराज और मंगलराज के बीच की लड़ाई होगी। सुशासन और कुशासन, सामाजिक समरसता बनाम जातीय उन्माद, सदाचार बनाम भ्रष्टाचार, विकास बनाम विनाश तथा सनातन बचाने और मिटाने वालों के बीच लड़ाई होगी। इस दौरान जो माहौल बनेगा उसका परिणाम होगा कि महागठबंधन की हालत २०१० से भी बदतर होने वाली है।"
अनिल शर्मा ने दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपने जीवनकाल में कभी पीएम नहीं बनने वाले हैं। राहुल गांधी ने अपने आचरण से अपना व्यक्तित्व और सम्मान खो दिया है।
भाजपा नेता ने राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' को लेकर आरोप लगाया कि 'वोट चोरी' की बात करना उनका बहाना है, उनकी योजना देश में अराजकता फैलाकर बांग्लादेश बनाना है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव राष्ट्रविरोधी और सनातन विरोधी ताकतों के इशारों पर देश में अराजकता पैदा करना चाहते हैं। उन्हें राष्ट्र सम्मान से कोई मतलब नहीं है।
इस दौरान उन्होंने एनडीए महिला मोर्चा के चार सितंबर के 'बिहार बंद' के लिए सभी लोगों से सहयोग की अपील की। इस प्रेस वार्ता में बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष रणवीर नंदन और मीडिया सह प्रभारी सूरज पांडेय भी उपस्थित रहे।