क्या रेलवे के उद्घाटन से मिजोरम की कनेक्टिविटी बढ़ेगी? मंत्री लालनघिंगलोवा

सारांश
Key Takeaways
- मिजोरम की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
- प्राकृतिक सौंदर्यता का अनुभव करने के लिए लोग आ सकेंगे।
- रेलवे उद्घाटन से स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- परियोजना के लिए सभी योगदानकर्ताओं का आभार।
- मिजोरम का विकास एक नया अध्याय शुरू कर रहा है।
आइजोल, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मिजोरम के खेल एवं पर्यटन मंत्री लालनघिंगलोवा हमार ने प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर अपनी खुशी व्यक्त की।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह हमारे लिए खुशी की बात है। रेलवे के उद्घाटन से प्रदेश की कनेक्टिविटी राजधानी तक बढ़ेगी। इससे वे सभी लोग भी आकर यहां की सुंदरता का लुत्फ उठा सकेंगे जो अभी तक इससे वंचित हैं। सभी लोगों को यह पता होना चाहिए कि हमारा प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्यता से परिपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि अगर कोई भी मिजोरम में आएगा, तो उसे यहां आने के बाद अत्याधिक प्रसन्नता होगी। उसे यहां आकर खुशी मिलेगी।
मंत्री ने आगे कहा कि इन्हीं सब स्थितियों को ध्यान में रखते हुए मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने यहां आकर रेलवे का उद्घाटन करने का फैसला किया। निश्चित तौर पर इससे हमारे प्रदेश की कनेक्टिविटी बढ़ेगी और हमारे राज्य में लोगों का आवागमन बढ़ेगा। इसके लोग जान सकेंगे कि हमारा मिजोरम किस प्रकार से चौतरफा प्राकृतिक सौंदर्यता से घिरा हुआ है। हमें इस बात का मलाल रहता है कि आज भी अधिकांश लोग मिजोरम की प्राकृतिक सौंदर्यता से अनजान है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, मैं रेलवे के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री के अलावा रेल मंत्री का भी दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा। साथ ही, उन सभी लोगों के प्रति भी मैं अपना आभार प्रकट करना चाहूंगा, जिन्होंने इस परियोजना को धरातल पर उतारने की दिशा में अपनी तरफ से 100 फीसद योगदान दिया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम को पहली बार भारतीय रेल नेटवर्क से जोड़ने वाली बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन का उद्घाटन किया है। मिजोरम के लिए एक ऐतिहासिक दिन, क्योंकि यह भारत के रेलवे मानचित्र में शामिल हो गया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने तीन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
बैराबी-सैरांग नई रेल लाइन 8,070 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनकर तैयार हुई है। यह केंद्र सरकार की विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाती है। यह रेल लाइन एक चुनौतीपूर्ण पहाड़ी क्षेत्र में बनी है। इसके लिए जटिल भौगोलिक स्थितियों के तहत 45 सुरंगें बनाई गई हैं। इसमें 55 बड़े पुल और 88 छोटे पुल भी शामिल हैं।