क्या राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक मंच पर एक साथ आए? समर्थकों ने कहा- बाला साहेब का सपना पूरा हुआ

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क्या राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक मंच पर एक साथ आए? समर्थकों ने कहा- <b>बाला साहेब का सपना पूरा हुआ</b>

सारांश

क्या उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का एक साथ आना महाराष्ट्र की राजनीति में नई तस्वीर पेश करेगा? जानिए उनके संबोधन और समर्थकों की प्रतिक्रियाएं।

Key Takeaways

  • राज और उद्धव ठाकरे का एक मंच पर आना महत्वपूर्ण है।
  • यह एकता महाराष्ट्र की राजनीति में नई संभावनाएं खोलेगी।
  • समर्थकों में खुशी का माहौल है।
  • बाला साहेब के सपने का साकार होना।
  • मराठी अस्मिता और गौरव के मुद्दे पर सहयोग।

मुंबई, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में हिंदी से संबंधित विवाद के बीच, शनिवार को उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने एक मंच पर साथ आकर लोगों को संबोधित किया। दोनों ने मुंबई के वर्ली सभागार में 'मराठी एकता' पर अपने विचार रखे। उनके साथ आने से पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल है। शिवसेना (यूबीटी) की नेता सुषमा अंधारे ने इसे बाला साहेब का सपना साकार होने के समान बताया।

शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में सुषमा अंधारे ने कहा कि जब भाई आपस में लड़ते हैं, तो यह महाभारत जैसा होता है, लेकिन जब वे एकजुट होते हैं, तो यह रामायण जैसा प्रतीत होता है। मुझे लगता है कि हमने आज यहां रामायण का एक दृश्य देखा है। 20 वर्षों से मराठी लोग जो प्रेम देखना चाहते थे, वह आज प्रकट हुआ है। बाला साहेब और मराठा लोगों का सपना आज पूरा हुआ है।

दोनों भाइयों के एक साथ आने पर पार्टी गठबंधन की चर्चाओं पर, शिवसेना (यूबीटी) की नेता सुषमा अंधारे ने कहा कि जिस प्रकार से दोनों नेताओं ने सकारात्मकता के साथ अपने विचार साझा किए हैं, उससे निश्चित रूप से उम्मीद जगी है। उन्होंने जो संकेत दिए हैं, उससे कल तक धुंधली तस्वीर आज स्पष्ट हो गई है। यह संकेतित करता है कि मराठी अस्मिता और गौरव के मुद्दे पर दोनों भाई शायद राजनीतिक सत्ता के लिए साथ मिलकर आगे बढ़ सकते हैं।

मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा व्यवसायी सुशील केडिया के कार्यालय में की गई तोड़फोड़ पर, शिवसेना (यूबीटी) नेता सुनील राउत ने कहा कि मैं मनसे कार्यकर्ताओं की कार्रवाई का समर्थन करता हूँ। अगर कोई महाराष्ट्र में रहना चाहता है, तो उसे मराठी आनी चाहिए। वह 30 वर्षों में महाराष्ट्र में रहकर मराठी नहीं सीख पाया। अगर यहाँ रहना है तो मराठी बोलनी पड़ेगी।

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने पर भविष्य में गठबंधन की चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि यह संभव है। उन्होंने कहा कि जब दोनों भाई एक मंच पर आए, तो सभी खुश थे। महाराष्ट्र के हित के लिए दोनों को एकजुट होना चाहिए

Point of View

ठाकरे भाइयों का एक साथ आना न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए खुशी का विषय है, बल्कि यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ भी साबित हो सकता है। इस एकता से मराठी अस्मिता को मजबूती मिल सकती है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे का एक साथ आना क्यों महत्वपूर्ण है?
यह एकता महाराष्ट्र की राजनीति में नई दिशा दे सकती है और मराठी अस्मिता को मजबूत कर सकती है।
सुषमा अंधारे ने इस एकता पर क्या कहा?
सुषमा अंधारे ने इसे बाला साहेब का सपना साकार होने जैसा बताया।