क्या तानसेन समारोह ने ग्वालियर में सांस्कृतिक धरोहर को नया आयाम दिया?

Click to start listening
क्या तानसेन समारोह ने ग्वालियर में सांस्कृतिक धरोहर को नया आयाम दिया?

सारांश

ग्वालियर में तानसेन समारोह का 101वां आयोजन, जहां शास्त्रीय संगीत के दिग्गजों को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने समारोह में कला और संस्कृति के संरक्षण की बात की। तानसेन की विरासत को आगे बढ़ाने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। जानें इस समारोह के बारे में और क्या कुछ खास हुआ।

Key Takeaways

  • तानसेन समारोह का 101वां आयोजन ग्वालियर में हुआ।
  • मुख्यमंत्री ने कला और संस्कृति के संरक्षण पर जोर दिया।
  • तानसेन अलंकरण से राजा काले और तरुण भट्टाचार्य को सम्मानित किया गया।
  • समारोह में सुबह और शाम को संगीत सभाएं आयोजित होंगी।
  • यह समारोह भारतीय शास्त्रीय संगीत की समृद्धि को दर्शाता है।

भोपाल/ग्वालियर, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की संगीत राजधानी ग्वालियर में सोमवार से तानसेन समारोह की शुरुआत हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव के वर्चुअल मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस समारोह में प्रख्यात शास्त्रीय गायक पं. राजा काले मुम्बई को वर्ष 2024 और विश्व प्रसिद्ध संतूर वादक पं. तरुण भट्टाचार्य कोलकाता को वर्ष 2025 के तानसेन अलंकरण से सम्मानित किया गया। यह समारोह 101वां आयोजन है और 19 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान सुबह और शाम को संगीत सभाएं आयोजित होंगी।

इस अवसर पर तानसेन अलंकरण के साथ ही मण्डलेश्वर की साधना परमार्थिक संस्थान समिति को वर्ष 2024 और ग्वालियर की रागायन संगीत समिति को वर्ष 2025 के राजा मानसिंह तोमर सम्मान से भी अलंकृत किया गया। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार कला और संस्कृति का संरक्षण करते हुए विकास की दिशा में बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्य प्रदेश में सांस्कृतिक अभ्युदय हो रहा है। ऐतिहासिक ग्वालियर दुर्ग से पूरी दुनिया को शून्य का परिचय कराते हुए 'चतुर्भुज मंदिर' की थीम पर तानसेन समाधि परिसर में बने भव्य मंच पर सोमवार की सांध्य बेला में देश एवं दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन समारोह का भव्य शुभारंभ हुआ।

समारोह की अध्यक्षता संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने की। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और विधायक मोहन सिंह राठौर बतौर विशिष्ट अतिथि मंच पर मौजूद थे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुभारंभ समारोह में कहा कि संगीत की नगरी ग्वालियर में आयोजित होने वाला तानसेन संगीत समारोह राज्य और देश का सबसे प्रतिष्ठित समारोह है। संगीत सम्राट तानसेन भारतीय शास्त्रीय संगीत के शिखर पुरुष थे। तानसेन की सुर और तान ने ग्वालियर को एक अलग पहचान दिलाई। तानसेन ने अपने गुरु स्वामी हरिदास के सानिध्य में संगीत की बारीकियां सीखकर ध्रुपद गायिकी सहित शास्त्रीय संगीत को नए आयाम दिए। तानसेन की ख्याति इतनी थी कि उन्हें अकबर ने अपने नवरत्नों में शामिल किया।

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि वैदिक काल से शास्त्रीय संगीत हमारे जीवन और संस्कृति का हिस्सा रहा है। सामवेद इसका साक्षी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में कला और संस्कृति को नए आयाम मिल रहे हैं। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि तानसेन समारोह उस वैभवशाली सांस्कृतिक परंपरा की सतत यात्रा है, जिसमें पिछले 101 वर्षों से संगीत की आत्मा, रागों की अनुभूति और स्वर की साधना एक सामूहिक तपस्या बनकर प्रवाहमान हो रही है।

Point of View

बल्कि यह भारतीय शास्त्रीय संगीत की समृद्धि को भी दर्शाता है। इस प्रकार के आयोजन न केवल संगीत को बढ़ावा देते हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ते हैं। ऐसे समारोहों से संगीत की महत्ता को समझने और सराहने का अवसर मिलता है।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

तानसेन समारोह कब शुरू हुआ?
तानसेन समारोह 15 दिसंबर 2023 को ग्वालियर में शुरू हुआ।
इस वर्ष तानसेन अलंकरण से किसे सम्मानित किया गया?
पं. राजा काले को वर्ष 2024 और पं. तरुण भट्टाचार्य को वर्ष 2025 के तानसेन अलंकरण से सम्मानित किया गया।
तानसेन समारोह कब तक चलेगा?
यह समारोह 19 दिसंबर 2023 तक चलेगा।
इस समारोह में और क्या विशेष था?
इस समारोह में मण्डलेश्वर की साधना परमार्थिक संस्थान समिति और ग्वालियर की रागायन संगीत समिति को भी सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने समारोह में क्या कहा?
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह समारोह कला और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
Nation Press