क्या राजद ने डेहरी के विधायक फतेह बहादुर सिंह सहित 10 नेताओं को निष्कासित किया?
सारांश
Key Takeaways
- राजद ने 10 नेताओं को निष्कासित किया।
- निष्कासन का कारण पार्टी विरोधी गतिविधियाँ हैं।
- फतेह बहादुर सिंह भी शामिल हैं।
- निष्कासन की अवधि छह साल है।
- बिहार चुनाव 2025 में होंगे।
पटना, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पार्टी से बगावत करने वाले नेताओं के खिलाफ कठोर कदम उठाना शुरू कर दिया है। बिहार राजद ने बुधवार को डेहरी से विधायक फतेह बहादुर सिंह समेत 10 नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में निष्कासित कर दिया है। जिन नेताओं पर यह कार्रवाई हुई है, उनमें कई प्रदेश अधिकारी और पूर्व विधायक भी शामिल हैं।
फतेह बहादुर सिंह (विधायक, डेहरी), सतीश कुमार (प्रदेश उपाध्यक्ष, राजद, बिहार), मोहम्मद सैयद नौसादुल नवी उर्फ पप्पू खान (बिहार शरीफ), मोहम्मद गुलाम जिलानी वारसी (पूर्व विधायक कांटी), मोहम्मद रियाजुल हक राजू (पूर्व विधायक, गोपालगंज), अमोद कुमार मंडल (प्रदेश महासचिव), वीरेंद्र कुमार शर्मा (क्रियाशील सदस्य, सिंहेश्वर), प्रणव प्रकाश (क्रियाशील सदस्य), जिप्सा आनंद (प्रदेश महासचिव, महिला प्रकोष्ठ सह जिला परिषद सदस्य, भोजपुर), और राजीव रंजन उर्फ पिंकू (राजद नेता, क्रियाशील सदस्य, भोजपुर) को भी पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
बिहार राजद के अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि बिहार चुनाव 2025 के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में राष्ट्रीय जनता दल के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ पार्टी के साथियों द्वारा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में या पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ दल विरोधी आचरण एवं गतिविधियों की सूचना प्राप्त हुई थी। इसी आधार पर इन नेताओं को प्राथमिक सदस्यता से छः वर्षों के लिए निष्कासित किया गया है।
इससे पहले, बिहार राजद ने सोमवार को प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष रितु जायसवाल सहित 27 नेताओं को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निष्कासित किया था। इन नेताओं में कई विधायक और पूर्व विधायक भी शामिल थे।
गौरतलब है कि इंडिया महागठबंधन के तहत राजद और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। इस गठबंधन में विकासशील इंसान पार्टी और वाम दल भी शामिल हैं।